झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि जून 2013 में झारखंड में दुग्ध उत्पादन क्र आत्म निर्भर बनाने की योजना बनी की विभिन्न जिलों में डेयरी दूध उत्पादन करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ साथ ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने का उद्देश्य किया गया परन्तु यह केवल प्रत्येक जिले के शहरी क्षेत्र में ही डेयरी दुग्ध उत्पादन ही खोला गया। गांव में ऐसा कोई भी डेयरी दुग्ध उत्पादन केंदर नहीं खोला गया है जिससे ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा सके। यह केवल कागजों पर सिमटी हुई है धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है। जिस उद्देश्य से इसे झारखंड में किया लागू किया गया था वो गांव में देखने को नहीं मिल रहा है