पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखण्ड से चक्रधर भगत जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि दूध उत्पादन के लिए पोटका प्रखण्ड के कोई भी अधिकारी प्रयासरत में नहीं है। जिसका साफ़ असर पंचायत में दिखता है। हाथीबिंदा, पुरलिया, आसमानी अदि पंचायतों में भी दूध उत्पादन कहीं नजर नहीं आता है। यहाँ आजीविका की तो बात छोड़े जो किसान अपने घरों में गाय, बकरी पाले हुए हैं उन्हें भी सरकार की तरफ से किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद मिली है और ना की खेती करने के लिए खेत मिला है।सरकार की तरफ पालतू जानवरों के लिए दवा वैगरह किसी तरह की सुविधा नहीं दी जाती है।यहाँ के किसान जो कुछ भी करते है अपने दम पर करते है।सरकार की किसी तरह की कोई भी सरकारी सुविधा यहाँ के लोगों तक नहीं पहुंचा है जो भी योजनायें है सब सिर्फ भाषण तक ही सिमित है। आज 15 सालों से सरकार सत्ता में विराजमान है फिर भी यहाँ के किसान गरीबी की मार झेल रहे है और इन्हें सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ भाषण और आश्वासन ही मिलते है।