दुमका से बख्तर पुजहर पहाड़िया झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दुमका में शिक्षित बेरोजगारो कि शंख्या बढ़ रही है यहाँ पर दो ही प्रकार के लोग जीवन यापन ठीक से कर रहे है एक वयपारी और एक सरकारी नोकरी करने वाले।बेरोजगारी के आलम यह है कि लोग पलायन कर रहे है मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार से क्या होगा दैनिक मजदूरी करने वाले को भी काम नहीं मिलता है तो शिक्षित बेरोजगारो कि बात तो दूर है मनरेगा के तहत भी नियमित काम नहीं मिलता है सरकार कि निति ही सपष्ट नहीं है सरकार को भुखमरी और बेरोजगारी समाप्त करना है तो देश-विदेश के बड़े पूजिपन्तियो से मिलकर कल-कारखाने लगाए और रोजगार बढ़ाये।