झारखंड के पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड के हाथीबिन्दा पंचायत के कोगदा गाँव से चक्रधर भगत जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गाँव से लेकर शहरों तक और शहरों से लेकर राज्य तक को चलाने के लिए बहुत सारे जनप्रतिनिधि है।लेकिन ये जनप्रतिनिधि और प्रशासन मौन धारण किये रहते है।और अक्सर देखा जाता है की जो लड़की के पिताजी होते है, वो छेड़छाड़ और प्रेमपत्र जैसी बातों से घबराकर आठ-नौ क्लास में जो लड़कियाँ बढ़ती है उनका भी शादी करवा देते है।और इस बात के लिए जो गॉँव के प्रधान होते है वो काफी जिम्मेदार होते है।क्योंकि गॉँव के प्रधान के साथ-साथ प्रशासन भी ऐसे मामलो की खोज-खबर नहीं रखती है।जिस कारण बाल विवाह होती है। प्रशासन जागे,बाल विवाह बंद हो का नारा सभी को लगाना है।क्यूंकि बिना प्रशासन की मदद से कोई भी काम नही होगा।