बोकारो जिले से सुषमा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में बाल-मजदूरी दिन -प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण,बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित न करके,उन्हें जबरदस्ती काम कर के पैसे कमाने के लिए मजबूर किया जाता है।माता -पिता पैसों के लिए ,अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर देते हैं।बाल-मजदूरी झारखण्ड में चारों तरफ देखने को मिलती है।समाज में लगभग सभी जगह बच्चे काम करते नज़र आते हैं।कम उम्र से ही काम करने की वजह से,बच्चे तनाव में आ जाते हैं एवं उनका बचपन ख़त्म हो जाता है।साथ ही ऐसे बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं और जीवन में जब भी विपरीत परिस्थिति आती है तो ,ये मानसिक संतुलन खो कर आत्म -हत्या कर लेते हैं।बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा दे एवं उचित पालन -पोषण करें।