जिला बोकारो के नावाडीह प्रखंड से महाबीर महतो जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकार की ओर से जो बजट पास किया गया उसमे किसान गरीबो को कुछ नहीं दिया गया वहीँ दूसरी ओर बेरोजगार युवको का कतार लगा हुआ है। उस पर सरकार को ख्याल तक नहीं। वही राजनितिक दलों की चंदे की सीमा कम किये जाने की बात स्वागत योग्य है । आम जनता महंगाई की मार और नोट बंदी से उठ तक नहीं पाई है।कह तो इसे एक ऐतिहासिक बजट कहकर अपेक्षित बनाया जाने वाला था । लेकिन जब वित्त मंत्री ने बजट का पिटारा खोला तो इसमें आवंटन बढ़ाने,काले धन पर रोक लगाने,कैशलेस,इकोनॉमी के अलावे और कुछ ख़ास नहीं दिखा। कृषि,रेल,शिक्षा,कॉरपोरेट,कुश.विकास आदि के क्षेत्र में अवसरीय विकास की बाते कर इसे सन्तुलित बनाये रखने की बाते की गयी । जहा रेल बजट को ऐसा ऐतिहासिक बजट कहा जा रहा है उस रेलवे में केवल सुधारो,टिकट मूल्यों के अलावे इसमें कोई बड़ा काम नही हुआ है । जी एस टी को लेकर बजट प्रकिर्या के दौरान कोई एलान नहीं किया गया,इसलिये यह थोड़ी चिंताजनक स्थिति है मंहगाई ज्यों की त्यों है हलाकिं सरकार ने टैक्स में छूट देकर आम आदमी को थोड़ी सी राहत दी है।बेरोजगारी को कम करने के लिए बजट में कोई उपाय नहीं दिखा । शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सरकार ने कदम उठाये, पर शिक्षा के बाद रोजगार ही न मिले तो शिक्षा व्यर्थ मालूम पड़ती है।