गिरिडीह से राजेश कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है कि जिले में 17 लाख है पशुधन और मात्र 15 चिकत्सक है पदस्थापित। जिले के पशुपालन विभाग में चिकत्सक को लेकर भारी कमी है पशुपालन करने वाले लोग को भगवान भरोसे अपने पशुओ कि रक्षा करनी पड़ती है।जिले में कुल 25 पशु चिकत्सालय है जिसमे 15 चिकत्सक है एक चिकत्सक को 2-3 चिकत्सालय का भार सौपा गया है वहीं जिले कि पशुधन सहायक कि 27 पद है जिसमे एक ही पद पर कर्मी स्थापित है बाकि 26 पद खली पड़ी हुई है और प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी का पद भी खली पड़ा है जिसके कारण लोगो को पशुपालन योजनाओ की जानकारी नहीं मिल पाती है।लोगो का कहना है कि सरकार के द्वारा लोगो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशुधन का बितरण तो कर दी जाती है लेकिन उसकी उचित इलाज या कोई ब्यवस्था नहीं दी जाती।चिकत्सको कि कमी के कारण पशुपालको के कई पशु इलाज न होने के कारण मिट जाते है। जिले के पशुपालन पदाधिकारी डॉ उमेश कुमार गुप्ता का कहना है कि विभाग में कर्मिओ कि काफी कमी है जिसके कारण कई परेसानियो का सामना करना पड़ता है अभी जिले में कुल 42 पद रिक्त है।
