बिहार राज्य से पिंकी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहतीं है की कोरोना वायरस को टचिंग वायरस क्यों कहा जाता है ?

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June 22, 2020, 5:46 p.m. | Tags: coronavirus  

नालंदा (महताब आलम) :- कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण राज्य में कई जरुरी सेवाएं बाधित हुयी हैं. लेकिन धीरे-धीरे राज्य सरकार द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए इन सेवाओं को पुनः प्रारंभ किया जा रहा है. इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने अब परिवार नियोजन सेवाओं को पुनः नियमित करने का फैसला लिया है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी असैनिक शल्य चिकित्सक सह सदस्य सचिव को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन अवधि के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं की सुविधा पुनः प्रारंभ करने के संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में कुछ जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसमें परिवार नियोजन सेवाओं को भी शामिल किया गया है. अस्थायी गर्भ-निरोधक साधन होंगे उपलब्ध: पत्र के माध्यम से बताया गया है कि पुरुष कंडोम, दैनिक गर्भनिरोधक गोली( माला-एन), साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली(छाया), आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली एव्ब गर्भ जाँच किट( निश्चय) की उपलब्धता आशा एवं एएनएम के पास सुनिश्चित की जाए. साथ ही कंडोम बॉक्स एवं कंट्रासेपटिव डिस्प्ले ट्रे में भी संबंधित गर्भनिरोधकों की मात्रा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के पास पर्याप्त आपूर्ति उपलब्ध कराने की बात कही गयी है एवं इसकी नियमित आपूर्ति सामुदायिक कार्यकर्ताओं के पास सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. परिवार नियोजन आपूर्ति श्रृंखला द्वारा होगी साधनों की आपूर्ति: पत्र के माध्यम से सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पुरुष कंडोम, दैनिक गर्भनिरोधक गोली( माला-एन), साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली(छाया), आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली एव्ब गर्भ जाँच किट( निश्चय) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ‘अंतरा’ इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्र के साथ जिला स्तरीय अस्पतालों में सुनिश्चित करने की भी बात बताई गयी है. इन सभी समाग्रियों के भंडारण की अल्पता की स्थिति में तुरंत विभिन्न सत्रों पर ऑनलाइन फैमिली प्लानिंग लोजिस्टिक मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम(एफएलएमआईएस) के माध्यम से इंडेंट सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. परामर्श सेवाओं पर होगा जोर: कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया है. जिसके कारण परिवार नियोजन के लिए जरुरी परामर्श सेवा भी बाधित हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा पुनः परामर्श सेवा को नियमित करने पर जोर दिया जा रहा है. पत्र के माध्यम से यह बताया गया है कि परिवार नियोजन सलाहकार द्वारा संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों पर परामर्श की सेवा प्रदान की जाए. परिवार कल्याण परामर्शी द्वारा अंतरा इंजेक्शन के दूसरे डोज के लिए महिलाओं को फ़ोन या अन्य माध्यम के बारे में जानकारी देने के विषय में बताया गया है. टोल फ्री नंबर से लें परिवार नियोजन की जानकारी: गर्भनिरोधक सुई –अंतरा के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर( 1800-120-1236) के प्रचार-प्रसार की बात कही गयी है. साथ ही परिवार नियोजन पर परामर्श के लिए भारत सरकार के टोल फ्री नंब( 1800116555) एवं बिहार सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर( 104) के प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं अल्प अवधि के अस्थायी साधनों पर जोर: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर परिवार नियोजन के अल्प अवधि के अस्थायी साधनों के उपयोग करने के लिए समुदाय को प्रेरित करने की बात कही गयी है. जबकि महिला एवं पुरुष नसबंदी, प्रसव के बाद महिला नसबंदी, गर्भपात के बाद महिला नसबंदी एवं कॉपर टी जैसे परिवार नियोजन साधनों पर कम ध्यान देने की बात कही है.

पटना(महताब आलम):- कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ आज पूरा विश्व जंग कर रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से राज्य भी अछूता नहीं है. संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने जहाँ सरकार के लिए चुनौतियाँ खड़ी की है, वहीँ इसके कारण मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुयी है. गर्भवती माताओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की नियमितता काफ़ी जरुरी है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सके. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान दी जाने वाली जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को नियमित करने के उद्देश्य से जरुरी दिशानिर्देश दिया है. पत्र के माध्यम से प्रसव पूर्व जाँच, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं, गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली जरुरी दवाएं एवं गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग जैसे अन्य जरुरी मातृव स्वास्थ्य सेवाओं को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पहले की तरह नियमित करने के निर्देश दिया गया है. अप्रैल से जून माह तक संभावित प्रसवों को चिन्हित कर दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधा: - तीन माह( अप्रैल, मई एवं जून) में जिन गर्भवती महिलाओं की एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट(संभावित प्रसव दिन) हैं, उनके लिए स्वास्य्म संस्थानों को अनिवार्य रूप से चिन्हित कर लाइन लिस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के एक सप्ताह के पूर्व से लगातार प्रतिदिन सभी चिन्हित गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य समस्या की जानकारी एकत्रित करने एवं अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य संस्थानों पर लाकर प्रसव करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. पत्र में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाने एवं उन्हें वापस घर पहुँचाने के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस का उपयोग किया जाए. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं रेफ़रल अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसूति को सभी जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए. उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच के लिए एम्बुलेंस:- उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्राप्त हो. साथ ही उनके लिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही गयी है. कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए अस्पताल में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को नियमित प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी गर्भवती माताओं को दूसरे तिमाही से 180 आयरन की गोली, 360 कैल्शियम की गोली एवं कृमि से बचाव के लिए 1 एल्बेन्डाजोल की गोली भी प्रदान करना सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा गृह भ्रमण: - आशा एवं आशा फैसिलिटेटर कोविड-19 में उत्पन्न विषम स्थितियों में भी गर्भवती महिलाओं के घरों का दौरा कर रही हैं. पत्र में कहा गया है कि जिन महिलाओं की संभावित प्रसव दिन नजदीक हैं, उनके घरों का दौरा करने के दौरान आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को सामाजिक दूरी एवं अन्य कोविड-19 बचाव प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. साथ ही आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को गृह भ्रमण कर चिन्हित गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के लिए योजना तैयार कर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं. जटिल प्रसव वाली महिलाओं को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवा: - जटिल प्रसव वाली महिलाओं को (जैसे सीवियर एनीमिया, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह) को एस्टीमेटेड डेलिवरी डेट के पूर्व से अस्पताल लाकर उनकी उचित देखभाल करने की बात कही गयी है. जबकि सामान्य गर्भवती महिलाओं को आशा की सहायता से एएनएम द्वाराफ़ोन पर संपर्क स्थापित कर उन्हें ससमय स्वास्थ्य संस्थान पर लाकर संस्थागत प्रसव कराने के निर्देश दिए गए हैं. कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुए संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल का अनुसरण करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों पर मातृत्व सेवाएं प्रदान करने के निर्दश दिए गए हैं.

नालंदा(महताब आलम) :- सोमवार को एक साथ 17 नए मामले सामने आने के बाद नालंदा जिला कोरोना को लेकर सबसे संवेदनशील बन गया है। संख्या बढ़कर 28 हो गई है। दुबई से आए इस शख्स के संपर्क में आने से अब तक 26 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें पटना के सुल्तानगंज इलाके में रहने वाला उसका ससुर भी शामिल है। बिहारशरीफ के हर इलाके में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। बाकी जिलों की बात करें तो सीवान के बाद अब नालंदा दूसरे नंबर पर है। सीवान में अब तक 29 मामले सामने आए हैं जबकि नालंदा में 28 पॉजिटिव के सामने आ चुके हैं। सोमवार को नालंदा जिले से 17 नए मामले सामने आने के बाद बिहार में कोरोना पॉजिटिव की तादाद बढ़कर 113 हो गई है। बिहारशरीफ से लगातार कोरोना पॉजिटिव के सामने आने के बाद लोग दहशत में हैं। सोमवार को जिस युवती का टेस्ट रिपोर्ट पहले पॉजिटिव आया उसे पहले से ही क्वारंटाइन में रखा गया था। दुबई से लौटे युवक के संपर्क में आने के कारण इसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। बिहारशरीफ के खासगंज मुहल्ले में 14 अप्रैल को पहला मामला सामने आया था। दुबई से आए युवक के संपर्क में आने वाले 3 परिजन अगले दिन ही कोरोना पॉजिटिव गए थे। जिला प्रशासन ने आनन-फानन में खासगंज के अलावे शेखाना और अंबेर मोहल्ले को सील कर दिया था। 18 अप्रैल को दुबई से आए युवक के भगना में भी संक्रमण पाया गया और उसके अगले ही दिन उसके डॉक्टर पिता भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। 19 अप्रैल को युवक के तीन अन्य परिजन इंफेक्टेड पाए गए और 20 अप्रैल यानी सोमवार को 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

बिहार राज्य से प्रतिज्ञा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है की, इनको राशन की सुविधा नहीं मिल रही है।

बिहार राज्य के पटना जिला से महताब आलम ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिहार सरकार लोगों को तीन महीने का राशन फ्री में देने जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है कि वे लोगों को इस बात की जानकारी दें। साथ ही उन्होंने बताया कि राशन की दुकानें अब सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक खुलेंगी। सुबह 7 बजे से 10 बजे तक का समय बुजुर्गों के राशन लेने के लिए होगा वहीं राशन की दुकानों पर दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक केवल महिलाएं ही अनाज ले सकेंगी। सरकार ने राज्य के सभी 8 करोड़ 66 लाख लाभुकों को 5 किलो अनाज मुफ्त में अगले 3 महीना तक देने का फैसला किया है

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