बिहार राज्य के नालंदा जिला के थरथरी प्रखंड के एमआरपी रंजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रहे है कि बच्चों में निमोनिया की पहचान कैसे करेंगे ,उन्होंने बताया कि जब बच्चा माँ के गर्भ में होता है उस समय सही देखभाल की आवश्यकता होती है क्यूंकि जब हम गर्भवती महिला की देखभाल अच्छी तरह से करेंगे उन्हें समय पर खाने पिने को देंगे,जैसे की दस खाद्य समूहों में से पांच खाद्य समूह खिलायेंगे तो दोनों बच्चे और गर्भवती महिला दोनों का ख्याल अच्छे से रखा जा सकेगा। जब बच्चे का जन्म का समय आये तो अच्छे अस्पताल में ही कराना चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद माँ का ही पीला गाढ़ा दूध पिलाना चाहिए और छह माह तक बच्चे को केवल माँ का ह दूध पिलाये एक बून्द भी पानी ना दे और जब बच्चे का छह माह हो जाये तो उसे ऊपरी आहार दे।उन्होंने बताया की दो माह के बच्चे में उसकी साँस लेने की क्षमता प्रति सेकंड और प्रति मिनट को देख कर निमोनिया की पहचान की जा सकती है।