अनिता दीदी बताती है कि समूह से जुड़कर पैसा लिया और उससे दुकान खोला और उसी के आमदनी से घर परिवार चला रहे है और बच्चों को पढ़ा रहे है।
अनिता दीदी बताती है कि समूह से जुड़कर पैसा लिया और उससे दुकान खोला और उसी के आमदनी से घर परिवार चला रहे है और बच्चों को पढ़ा रहे है।