बिहार राज्य के नालंदा जिला के एकंगनसराय प्रखंड से संजय जो आज वे सूंडीविघा में गायत्री समूह की बैठ में उपस्थित हैं जहाँ वे समूह की एक दीदी सुनीता देवी से जीविका मोबाइल वाणी के द्वारा ओआरएस घोल के बारे में बात कर रहे हैं।उन्होंने बताया की घर में हर वक़्त 2 पैकेट ओ.आर.एस का जरूर रखना चाहिए।दस्त या उल्टी होने पर बच्चे हो या बड़े उन्हें ओआरएस का घोल देना चाहिए।इसे बनाने से पहले सबसे पहले हाथों को अच्छी तरह से धो कर, किसी साफ़ बर्तन में एक पैकेट ओआरएस के पॉवडर को एक लीटर शुद्ध पानी में अच्छी तरह से घोलना चाहिए, ताकि उसका कण पानी के नीचे बैठा ना रहे।उसे घोलने के बाद थोड़ा चख ले तब ही बच्चे को पिलाये क्यूँकि अगर घोल सही बना होगा तो ना ज्यादा नमकीन होगा और ना ज्यादा मीठा।इसे बच्चे को थोड़े-थोड़े अंतराल में पिलाना चाहिए। इस तैयार घोल को 24 घंटे के अंदर ही इस्तेमाल करना चाहिए।24 घंटे के बाद इस तैयार घोल को फ़ेंक देना चाहिए।इसे पिलाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और बच्चा या बड़े स्वस्थ रहते हैं।