*प्रेस विज्ञप्ति* *बोर्ड परीक्षा में सफल हुए नोपानी विद्या मंदिर के भैया-बहनों का किया गया मार्गदर्शन* दिनांक 16/07/2020 दिन गुरुवार को स्थानीय विद्यालय श्री रामेश्वर लाल नोपानी सरस्वती विद्या मंदिर, परबत्ती, भागलपुर में ऑनलाइन शैक्षणिक मार्गदर्शन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सी बी एस ई दशम बोर्ड की परीक्षा उतीर्ण करने वाले सभी भैया बहनों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या अंजुश्री, वरिष्ठ आचार्य जयनिल कुमार झा, मुन्ना कुमार देव, सुमित रौशन, रंजीत कुमार आदि द्वारा उनका मार्गदर्शन किया गया। आगे के पढाई में क्या क्या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इस पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। उपस्थित सभी भैया बहनों से वार्ता सत्र में बात कर उनकी जिज्ञाशा शांत किया गया। सभी छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए प्रधानाचार्या अंजुश्री ने बताया कि सफल होने वाले सभी छात्रों को बधाई, जो असफल हो गये हों वो निराश ना हों। अवसर एवं समय प्रबंधन में विशेष ध्यान दें। आगे की पढाई के लिए आप सभी अपनी रूचि के अनुसार की विषयों का चयन करें, यदि आपके माता-पिता जबरन विषय के चुनाव को थोपते हैं तो उन्हें नर्मतापूर्वक समझाएं, अपने रुचि को प्राथमिकता दें। शिक्षा बहुत जरूरी है। असफल हुए बच्चों में भी फिर से मेहनत करने का सोच विकसित होगा, परिणामतः बच्चे जरुर सफल होंगे। संगणक आचार्य सह प्रतियोगिता प्रमुख सुमित रौशन ने सर्वप्रथम भैया बहनों को बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु शुभकामनाएं दी। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने के गुर बताते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में 4 बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। छात्रों को अपनी क्षमताओं, कमजोरी, अवसर की पहचान और ध्येय का ज्ञान होना चाहिए। इस ज्ञान से ही आप अपनी तैयारी को एक निश्चित मार्ग दे सकते हैं। मन में विश्वास होना आवश्यक है कि हम परीक्षा को पास कर लेंगे। हम तभी सफल होंगे जब डिसिप्लिन और डिटर्मेंशन हो, डेडीकेशन और डिवोशन ही हमें सफलता दिलाते हैं। उन्होंने खासतौर पर भैया बहनों को बताया कि वे कोई भी पढ़ाई करें, लेकिन 10वीं कक्षा के स्लेबस को हमेशा पढ़ते रहें, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं का बेस 10वीं कक्षा का स्लेबस ही होता है। शिक्षण प्रमुख जयनिल कुमार झा ने बताया कि जीवन में सफलता पाने के लिए पहले सोचिए और फिर उसे नोट करें और लक्ष्य के प्रति लगन से तब तक लगे रहें जब तक कामयाब न हों। कोई क्या सोचेगा, क्या कहेगा। इस बारे में न सोचें। आगे बढ़ते जाएं। यदि संकोच रहेगा तो आप सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। अपने अंदर से संकोच को दूर करें और रटने की बजाएं समझें और सीखने का प्रयास करें। रंजीत कुमार ने कहा कि अगर बच्चों को उनके घर और उनके विद्यालय में सही मार्गदर्शन मिले तो वे अपने पढ़ाई में निश्चित ही बेहतर कर सकते हैं। अभिभावकों के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है और इस जिम्मेवारी का उनको सारा काम छोड़कर निर्वहन करना पड़ेगा। उपप्रधानाचार्य श्री मुन्ना कुमार देव ने भैया बहनों को प्रेरित करते हुए कहा कि भैया बहनों ने जो सफलता प्राप्त की है इसका श्रेय उनकी मेहनत और लगन को जाता है। साथ ही कर्मठ शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी जाता है, जिन्होंने भैया बहनों को उचित मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया। सफल भैया बहनों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि परिणाम की बगैर चिंता किए नियमित एवं योजनाबद्ध तरीके से अभ्यास करते रहना चाहिए। योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में किया गया प्रयास हमेशा सफल होता है। कार्यक्रम में रीना टुडू, रोहित कुमार, कशिश कुमारी, अंशु कुमार, आशीष आनंद, शालिनी कुमारी, प्रियांशु सागर, काजल कुमारी, सोमेश कुमार, सहित विद्यालय के आचार्य मुन्ना कुमार देव, सुमित रौशन, जयनिल कुमार झा, अशोक कुमार शर्मा, बबिता मिश्र, इंदु झा, नवल किशोर, गणेश पासवान, गगन कुमार, रितेश कुमार, सोनी कुमारी, कल्याणी साह, रीता कुमारी, अंजू कुमारी आदि उपस्थित थे। मीडिया प्रभारी सुमित रौशन