बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार ने मुंगेर की आवाज पर चल रही वित्तीय जागरूकता अभियान के अंतर्गत अनौपचारिक रूप से पैसे घर पर क्यों नही रखनी चाहिए ,इस विषय पर मोहम्मद तुफे-आलम जी से बात की। मोहम्मद तुफे-आलम एक व्यापारी हैं। सवाल का जवाब देते हुए इन्होने कहा कि 2010 से 2013 के बीच इलेक्ट्रिक कार्य के बाद बचे दो-ढाई हज़ार रूपये एक डायरी में इन्होने रख दिया था ।समय के साथ ग्रामीणों के पैसे इनके पास है ,ये भूलते चले गए ,इस बीच नोटबंदी आई और ये रखे हुए पैसे इनके जहन से उतरता ही चला गया। 2017 में फार्म को भरने के लिए जब इन्होने डायरी खोली तो वो पैसे मिले ,मगर पुराने नोट होने के कारण ,अब वो किसी काम के नहीं थे। इनका कहना है कि है कि वही नोट अगर वो बैंक में रख दिए होते तो ,पैसा बर्बाद नही होता और उन पैसों से ग्रामीणों को फायदा होता। साथ ही इनका कहना है कि पैसों को सुरक्षित बैंक या पोस्टऑफिस में रखनी चाहिए। घर में पैसे रखने से उनका कोई उपयोग नही होता है ,बर्बाद हो जाता है।