बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार कटारिया गाँव में सरोज देवी जी से अनौपचारिक तरीके से पैसे रखने सम्बंधित विषय पर बातचीत की।सरोज देवी दया सोसाइटी में सुपरवाइजर का कार्य करती हैं।सवाल जवाब देते हुए इन्होने बताया कि पहले पैसा इनके पास कम होता था ,मगर फिर भी जब कुछ पैसा जैसे- सौ -दो सौ बच जाता था ,तो उसे डब्बे में रख देती थी।इनका कहना है कि अगर घर में पैसा होता है तो फिजूलखर्च हो जाता है। फिर जब समस्या आएगी या पैसों की जरुरत पड़ेगी तो पैसा कहाँ से आएगा? इस परिस्थिति में किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा। इसलिए पैसों को सही जगह रखनी चाहिए ,जहाँ पैसा सुरक्षित रहे और जरुरत पड़ने पर उन पैसों को निकाल सकें। बैंक पैसों को रखने के लिए सबसे सुरक्षित है। इसके लिए खाता खुलवाकर पैसा उसमें रखेंगी और जरुरत पड़ने पर वहाँ से निकाल लेंगी।