मुंगेर से हमारे श्रोता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि मुंगेर की आवाज पर चल रहा वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम अंगिका या हिंदी भाषा में होना चाहिए,क्योंकि क्षेत्रीय लोगों को यही भाषाएँ समझ में आती है। साथ ही इन्होने कहा कि बचत के बारे में गंभीरता से हो कर बताना चाहिए न कि हंसी मजाक की तरह। इसे सीधा और साधारण भाषा में प्रस्तुत करना चाहिए था।