कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

मुज़फरपुर

बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर से चुन्नू देवी , कहती है कि सरैया में बिजली को लेकर बहुत समस्या है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि रोड नहीं है पानी के वजह से बहुत दिक्कत हो रहा है।

बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि उनको घर और सड़क नहीं मला है।

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

नमस्ते मोलानी निर्मला देवी को रोकने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद , आपके गांव में विरोध इतना बुरा कैसे है कि हमारे घर से जल गया है ।

मैं साबरकला से राजवाड़ा की बात कर रहा हूं । मेरे गाँव में जो स्कूल हैं , उनमें इतने दिनों के बाद पर्याप्त संख्या में शिक्षक हैं । अब सरकार की गलत नीति के कारण शिक्षकों को योग्यता परीक्षा देकर इधर - उधर भेजा जा रहा है । फिर स्कूल की स्थिति में । इस स्कूल में जो शिक्षक होंगे , उन्हें इधर - उधर भेजा जाएगा , फिर पर्याप्त संख्या होगी या नहीं , जिससे स्कूल की प्रथम श्रेणी व्यवस्था खराब मानी जाएगी , इसलिए यहां सरकार की नीति बहुत गलत है ।

ऐसे वा सबखु जाएगा माह रात सा बोल रहा हूं राजवाड़ा कुछवाले राजवाड़ा कुछवाले जा विद्यालय है ।