मेरा नाम लक्ष्मी रानी है , मैं सातवीं कक्षा में पढ़ती हूँ । मैं एक कविता पढ़ने जा रहा हूँ । मैं आभूषणों में नहीं पड़ना चाहती । मैं प्रेमी नहीं बनना चाहता । माला में भिज प्यारी को लालच चाहे नहीं देवी देव सिर बड़ा बड़ा इतना मैं तो थोड़ा लेना वनमाली वह पाटा तुम देना मातृभूमि जहाँ भी मैं जाता हूँ मुझे ले जाता हूँ ।