रहमतों और बरकतों का महीना है माह-ए-रमजान      महुआ से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट महुआ। खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना माह-ए-रमजान न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का महीना है, बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाते हैं। रमजान मुबारक अल्लाह का महीना है। ये महीना सब्र तथा गमख्वारी का भी है। इस महीने में हर मुसलमान के लिए रोजे फर्ज हैं। चाहे वो गरीब हो या अमीर। रमजान औरों की तकलीफ समझने का जज्बा देता है।अब अमीर आदमी जो हमेशा अच्छा खाता-पीता है और रमजान में अल्लाह के हुक्म को मानते हुए रोजा रखता है तो उसे भूख व प्यास का एहसास होता है। रोजा रखने से ही पता चलता है कि कोई गरीब इंसान भूखा व प्यासा कैसे रह पाता है। प्यासा होने पर पानी की अहमियत का पता चलता है। हमें अल्लाह ने बहुत सी नेहमतें बख्शी हैं और हम ग्यारह महीने खाते-पीते हैं। इस एक महीने में अल्लाह का हुक्म मानते हुए हम रोजा रखते हैं और पुण्य कमाते हैं। पूरी दुनिया में इस महीने में कुरान शरीफ पढ़ा जाता है। कुरान शरीफ और रमजान का गहरा ताल्लुक है। इसी महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। ऐसे में रमजान मुसलमान को अल्लाह से जोड़ता है, आपसी भाईचारा और  मुहब्बत बढ़ाता है। रमजान के महीने में हर दिन, 24 घंटे अल्लाह की रहमत बरसती है। जरूरत है तो अल्लाह के हुक्म को मानने की और रमजान का मुबारक महीना तो नेक बनने की ही हिदायत देता है। रोजा रखने से अल्लाह की रहमत पाने के हकदार होंगे, जहन्नुम की आग से भी बचेंगे। इंसान को सबसे पहले तालीम हासिल करनी चाहिए। तभी वह तरक्की कर सकता है। तालीम चाहे इस्लामी हो या दुनियावी (स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली) वह इंसान की अव्वल जरूरत है। तालीम इंसान को सब्र सिखाती है। तालीम बताती है कि इंसान को सभी जीवाें पर रहम करना चाहिए। तालीम से इंसान झूठ आदि से दूर रहता है। रमजान जहां रोजेदार को सब्र का पाठ पढ़ाता है वहीं तालीम भी इंसान को रहमदिली, सब्र, नियंत्रण तथा झूठ व गंदी सोच से बचाती है। कुरान पाक भी यही कहती है कि सच्चा मुसलमान वह है कि जो हर बुराई से दूर रहे। केवल पूरे दिन भूखा रहना का नाम ही रोजा नहीं है। बल्कि रोजेदार के लिए कुछ नियम होते हैं। जो हमें हाथ, पैर, कान, आखें, कान तथा जबान से होने वाले गुनाहो से बचाते हैं। यह माफी का महीना है। इस माह में अल्लाह इंसानों के सभी गुनाहों का माफ कर देता है। हमें प्रेम व सौहार्द के साथ रमजान मनाना चाहिए। बुराईयों से दूर रह कर जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए तथा मुल्क की तरक्की की दुआ करनी चाहिए।