जिला-जमुई,प्रखंड-सिकंदरा,बिहार से ज्योति कुमारी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहती है कि टूटते परिवारों को बचाने की जरुरत है, समाज में कई धाराएँ साथ-साथ चलती है आज के दौर में कॉर्पोरेटर कल्चर के साथ प. संस्कृति का काफी प्रभाव दिखता है लेकिन ये अपने साथ कई खामियों को लेकर आयी है इनमे से सबसे बड़ी खामी परिवार व समाज का टूटना है , अखबारों में आये दिन भाई-भाई,पिता-पुत्र के बीच संपत्ति विवाद के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे है ये रोग धीरे-धीरे समाज के हर हिस्से में घुस गया है सामाजिकता नाम की चीज़ खत्म होते जा रही है इस कारण आपसी भाई-चारा भी खत्म होते जा रहा है इसका सबसे बड़ा कारण हमारी शिक्षा व्यवस्था में आया बदलाव भी है, बच्चों को नैतिक-शिक्षा का पार्ट नहीं पढ़ाया जा रहा है कोई भी बात सुनने और समझने को तैयार नहीं है।