कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए धान की रोपाई करने के लिए एक नई तकनीक विकसित की गई. इस तकनीक को श्री विधि का नाम दिया गया है. खास बात है कि इस तकनीक से प्रति एकड़ खेत में धान की रोपाई करने के लिए सिर्फ 2 किलो बीज का उपयोग करना पड़ता है. इस बाबत जानकारी देते हुए चेवाड़ा के किसान श्री से सम्मानित ब्रह्मदेव ने बताया कि श्री विधि से धान की खेती करने की नई विधि धान खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल है. प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर किसान इस फसल की खेती करते हैं. धान की रोपाई करने में अधिक संख्या में मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है. इससे किसानों का समय और लागत, दोनों अधिक लगता है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए धान की रोपाई करने के लिए एक नई तकनीक विकसित की गई. इस तकनीक को श्री विधि का नाम दिया गया है. खास बात है कि इस तकनीक से प्रति एकड़ खेत में धान की रोपाई करने के लिए सिर्फ 2 किलो बीज का उपयोग करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि श्री विधि से खेती करने को लेकर यह मीटर स्केल के लाभ के द्वारा किया जाता है जिसमें 10 इंच प्रति पंक्तियां के द्वारा यह रोपाई की जाती है.