जिले में दीर्घकालिक यानि क्रोमिक शराब निर्माण के अड्डों को ध्वस्त करने हेतु राज्य उत्पाद विभाग ने नई तरकीब अख्तियार की है। अब वैसे। प्रचलित और मशहूर शराब निर्माण के अड्डों को उत्पाद टीम द्वारा चिन्हित कर ट्रैक्टर से जुताई कर ध्वस्त कर दिया जायेगा। इस बाबत उत्पाद निरीक्षक सह उत्पाद थाना अध्यक्ष पियूष कुमार ने बताया कि इस जिले में 29 ऐसे शराब निर्माण के क्रोमिक अड्डे है।जहां दशकों से देसी शराब का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा कि वैसे क्रोमिक केंद्र के रूप में मुरारपुर , पचना हट्टी , अफरडीह , नारायनपुर , फरपर सहित अन्य जगह है। जहां के तस्कर जेल जाने के बाद जमानत पर रिहा होने के बाद फिर उसी जगह शराब निर्माण का धंधा शुरू कर देते है। ऐसे जगहों में टाल क्षेत्र , नदी, तालाब , पैन और अलंग के किनारे ,सुनसान बगीचे और झाड़ियां , पहाड़ की तलखट्टी को तस्कर चुनते है। जहां पुलिस आसानी से न पहुंच पाए। अगर पहुंच भी गई तो उसके पहुंचने के पहले निकल भाग सकें। उत्पाद निरीक्षक ने कहा कि अब तस्कर छापामार दस्ते से छुपाने की दृष्टि से अर्ध निर्मित शराब और जावा महुआ को जमीन के नीचे गाड़ कर रखने लगे है।इसके कारण छापामार दल के आंखों से ओझल होकर ये सब सही सलामत बच जाता हैं। ऐसे चिन्हित अड्डों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई ट्रैक्टर से जुताई कर जमीन के अंदर से निकाल कर उसे घटना स्थल पर ही नष्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका प्रायोग सदर प्रखंड के पचना हट्टी के शराब निर्माण के अड्डों पर किया गया।