बैंकों सहित अन्य सरकारी संगठन द्वारा राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय हड़ताल का असर यहां भी देखने को मिला है। सरकार द्वारा निजीकरण करने पर रोक लगाने पुरानी पेंशन लागू करने संविदा पर बहाली की व्यवस्था को समाप्त कर नियमित बहाली की मांग आदि को लेकर जिले में धरना और प्रदर्शन का आयोजन भी किया गया । बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले बड़ी संख्या में संविदा पर बहाल सरकारी कर्मी स्वास्थ्य कर्मी आंगनबाड़ी सेविका सहायिका आशा दीदी आदि ने हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन कर विरोध जताया। हड़ताल कल भी जारी रहेगा। दो दिवसीय हड़ताल में शामिल कर्मियों ने बताया कि सरकार लगातार सरकारी संस्थानों को निजीकरण करने पर तुली हुई है । सरकारी सेवा के नाम पर संविदा पर बहाली का काम चल रहा है। सरकार द्वारा नई पेंशन नीति के तहत कर्मियों को अंशदान का भुगतान करना पड़ रहा है। सरकारी सेवा के सभी कर्मी पुरानी पेंशन लागू करने की भी मांग जोर-शोर से कर रहे हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर सभी सरकारी कर्मियों में असंतोष है कर्मियों ने अपनी मांगे पूरी करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल हुए हैं। हड़ताल के कारण जिले के कई सरकारी कार्यालयों पर इसका असर देखने को मिला है। विभिन्न कार्यालयों में संविदा पर आधारित कर्मियों के कारण उनके ताला भी नहीं खुल पाए सरकारी कर्मचारी संघों ने हड़ताल के दौरान धरना भी दिया।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।