जिले में लगभग एक महीने बाद यूरिया रासायनिक खाद की अपर्याप्त खेप पहुंचने के बाद शेखपुरा और बरबीघा स्थित बिस्कोमान भवन में खाद लेने के इच्छुक किसानों की लंबी लाइन लगी है। अहले सुबह 4 बजे से ही किसान कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान दोनो जगह किसानों ने ऊबकर हंगामा कर दिया। जिसके कारण बिस्कोमान कर्मियों को पुलिस का सहारा भी लेना पड़ा। बरबीघा ने किसानों ने राज्य सरकार पर किसानों के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की।किसानों ने कहा कि हमारी जरूरत के मुताबिक समय पर खाद नही मिल रहा है। जिससे खेतों में हमारी फसल खराब हो रही है। मजबूरन हमें खुले बाजार से 450-500 रुपये में खाद की खरीद करनी पड़ रही है। खास कर हाल के दिनों में हुई जमकर बारिश के कारण हजारों हेक्टेयर भूमि में लगी गेहूं की फसल में उर्वरक डालने की सख्त जरूरत पड़ गई है। उधर जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त प्रसाद सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा कम मात्रा में खाद आपूर्ति किए जाने के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि इस जिला को 11 हजार मिट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध कराने का लक्ष्य था।लेकिन अब तक महज 6 मिट्रिक टन यूरिया उर्वरक इस जिला को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस उर्वरक का उत्पादन कम होने और सरकार को एक बोरा यूरिया लेने के बदले कंपनी को 900 रुपए का अनुदान देना पड़ता है।जबकि किसानों के बीच यूरिया महज 262 रुपए में बेचा जाता है।वहीं सरकार को एक बोरा यूरिया उर्वरक खरीदने के बदले 12 सौ रुपए कंपनी को देना पड़ता है।जिससे सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी यूरिया का आपूर्ति करना काफी असर पहुंचा रहा है।