पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले दिनों कोई झमाझम बारिश से जिले में सबसे ज्यादा नुकसान मसूर की फसल को हुआ है। इसके साथ ही चना और अन्य दलहन फसल भी नष्ट हुए हैं। इस दौरान ब्याज सहित अन्य सब्जी फसल के साथ किसान के सरसों राई के फसल को नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार के निर्देशों के आलोक में कृषि विभाग ने बारिश के दौरान हुई फसल क्षति का आकलन कर लिया है और इस संबंध में किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य मुख्यालय भेज दिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिन्हा ने बताया कि जिले में कुल 1995 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल को नुकसान हुआ है। जिसमें मसूर की फसल को 998 हेक्टेयर प्याज़ सहित सब्जी के 490 हेक्टेयर सरसों और राई के 205 हेक्टेयर तथा चना सहित अन्य हल्हन के 302 हेक्टेयर भूभाग में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशों के आलोक में किसानों को प्रति हेक्टेयर 13500 रुपए की दर से क्षतिपूर्ति दिया जाएगा । जिसमें एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि की क्षतिपूर्ति दी जाएगी ।जबकि अन्य किसानों को कम से कम 1000 रुपए की क्षतिपूर्ति प्रदान करने का नियम है।