संयुक्त कृषि भवन के सभागार में अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के किसानों को वैज्ञानिक विधि से मधु मक्खी पालन हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री बागबानी मिशन योजना अंतर्गत यह प्रशिक्षण जिला उद्यान विभाग द्वारा आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण शिविर में कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ साथ कृषि विज्ञान केंद्र अरियरी के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को कम लागत में वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन की जानकारियां दी जा रही है। इस बाबत जिला उद्यान विभाग के सहायक निदेशक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में कृषि वैज्ञानिक जावेद इदरीश और मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के लोग भूमिहीन हुआ करते हैं।भूमिहीन लोग इस से एक अच्छा व्यवसाय कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकते है।उन्होंने कहा कि मधु की मांग पूरे देश में ज्यादा है। इस लिए मांग अधिक होने पर आय भी अधिक होगा। उन्होंने इस व्यवसाय में भूमिहीन लोगों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। ताकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। एक पेटी से 80 किलो मधु का उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।यह प्रशिक्षण शनिवार को खत्म होगा। जिसके बाद किसानों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। साथ ही बाद में उन्हें अनुदानित दर पर मधु मक्खी पालन की पेटियां भी दी जाएगी।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।