बहन-भाइयों का पवित्र त्योहार भैया दूज व समृद्धि का त्योहार गोधन (गोवर्धन) पूजा एक साथ आज शनिवार को परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ की गई। बहनों ने भाइयों के दीर्घायु के लिए पहले उन्हें श्राप दिया। फिर श्राप मुक्त कर मंगल कामना की। अपनी जीभ पर रेगनी के कांटे को चुभाकर भाई की प्राण रक्षा की कामना की। गोबर से बने गोधन को कूटा और प्रसाद स्वरूप गोधन के गोले बांटे गए। महिलाओं ने स्नान-ध्यान करने के बाद गोबर से यम की आकृति बनाई। उसमें चना डालकर उसे डंडे से कूटा गया। नारियल की बली दी गई। फिर बाद में उसी चने को मिठाई के साथ मिलाकर बहनों ने भाइयों को प्रसाद के रूप में वितरित किया। महिलाओं का कहना था कि यम से लड़कर भी अपने भाई को लंबी उम्र दिलाने की कामना ही भैयादूज का त्योहार है। भाइयों के ललाट में तिलक लगाकर बहनों ने आरती उतारी। फिर दिवाली के दिन भरी गई कुल्हिया की मिठाई व दाना भाइयों को खिलाया। यह पर्व भाई-बहन के बीच प्यार के रिश्ते को दर्शाता है। बहनों ने अपने भाई की सफलता और समृद्धि के लिए प्रार्थना की, जबकि भाइयों ने अपनी बहन की रक्षा का प्रण लिया और बहन के प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शाने के लिए उसे उपहार भी दिया। हमेशा की तरह मिठाइयों का भी आदान-प्रदान भी किया गया। ऐसा चेनारी प्रखंड के कई गांवों में देखा गया।