भाकपा माले के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर शेखपुरा में प्रतिरोध धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम किया गया। इस प्रतिरोध कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार से सवाल किया गया कि राहत पैकेज के नाम पर धोखा क्यों ?, प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत क्यों ?,क्वारेंटाइन सेंटर यातना गृह क्यों ? जिला के विभिन्न स्थानों के अलावा अरियरी के ससबहना गाँव में भाकपा माले के जिला सचिव विजय कुमार विजय के नेतृत्व में प्रतिरोध कार्यक्रम किया गया। यहाँ के कार्यक्रम में प्रखंड सचिव कमलेश कुमार मानव, पार्टी नेता नरेश रविदास, अनीता देवी आदि ने भी भाग लिया। इसी तरह वृंदावन में कमलेश प्रसाद, राजेश कुमार राय, सूबेलाल कुमार, चेवाड़ा में विश्वनाथ प्रसाद, महुएत में शिवनन्दन यादव, बरसा में गरीबन मांझी, नीमी में रामकृपाल सिंह और राजेंद्र पासवान के नेतृत्व में धरना दिया गया। इस मौके पर पार्टी के जिला सचिव विजय कुमार विजय ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को गृह वापसी का मुकम्मल व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण काफी मजदूर हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा भूखे प्यासे रहकर करने को मजबूर हैं। रास्ते में हो रही मजदूरों की मौत का आंकड़ा कोरोना वायरस से हुई मौतों को भी पीछे छोड़ दिया है।उनहोंने कहा कि अब तक आए मजदूरों की संख्या को देखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था भी नहीं किया जा सका है। क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासियों के रहने खाने का इंतजाम भी सिर्फ खानापूर्ति को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि एक प्रवासी के लिए तीन हजार रुपए खर्च करने के एवज में चंद रूपये खर्च करके रूपये बचाने का खेल खेला जा रहा है। इस अवसर पर नेताओं ने माँग किया कि क्वारेंटाइन सेंटर को यातना गृह न बनाया जाए। छूटे हुए गरीबों का राशन कार्ड जल्द बनाया जाए। फसल क्षति का मुआवजा पचीस हजार रुपए प्रति एकड़ दिया जाए। किसानों के उपज के लागत मूल्य का दोगुना दाम दिया जाए। किसानों को सभी तरह के कर्ज के मुक्त किया जाए। कृषि कार्य हेतु बिजली मुफ्त दिया जाए।