चुनावी ब्रांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब ब्रांड से मिले चंदे में नाम राशि का विवरण सार्वजनिक होना चाहिए चंदा देने का मकसद आर्थिक स्वार्थ या काली कमाई को सफेद करना हो सकता है प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष चुनाव प्रभावित करने की मंशा ही है चुनावी ब्रांड के पीछे इसलिए पारदर्शिता जरूरी है