जिला लखनऊ के बधेश्वर से दिलाजीत जी कही अनकही बाते के माध्यम से कहना चाहते है कि दोस्ती जैसे पवित्र रिश्तो के लिए पैसे या धन -दौलत की कोई जगह नहीं होती है क्योकि पवित्र दोस्ती तो मन या दिल के आचार-विचार के मेल से होती है। इसलिए दोस्ती के सामने रुपया,पैसा या धन-दौलत नहीं आना चाहिए और दोस्ती दुकान से भी नहीं खरीदी जाती है जो पैसे से आसानी से खरीदी जा सकती है,दोस्ती तो भावो के मेल से होती है। इसलिए दोस्ती को धन दौलत से नहीं तौलना चाहिए।