छत्तीशगढ़ से हमारे श्रोता ने कही-अनकही कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि लड़कियों पर जो भी प्रतिबन्ध लगा दिए जाते हैं महावारी के दौरान तो वो सभी पुर्वजों की रूढ़ि वादी विचार हैं जो पहले से चले आ रहे हैं और हम अभी उसको चला रहे हैं । ये सभी महिलाओं के दौरान ही लगाया जाता है, कोई पुरुष इसे नहीं लगता है। ऐसे में महिलाओं को ही ये समझना होगा कि किसी के माहवारी के दौरान कुछ भी छूने से वो खराब नहीं होता है.यह सब बंद करना चाहिए जो महिलाओं के द्वारा ही हो सकता है।