भोलानाथ विश्वकर्मा,उत्तरप्रदेश के रायबरेली से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की जो कार्यकरम चलाया जाता है उसे नाटक की तरह भी चलाया जाये जो लड़का-लड़की से सम्बंधित हो जिससे सीख मिले।