कैंडल मार्च निकाल कर अपराधियों को सजा देने की माँग की गयी। इसके साथ ही उन वकीलों का भी बहिष्कार करने की माँग हुई, जो ऐसे अपराधियों का मुकदमा लड़ेंगे।