सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रत्न शंकर ने बताया की विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के हरपुर बोचहा पंचायत अंतर्गत खनुआं गांव में गत दिनों दो पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिसका इलाज निजी अस्पताल में कराया जा रहा है। इस बाबत दोनों पक्षों की ओर से स्थानीय थाना में लिखित आवेदन देकर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार गत 22 मार्च को हरपुर बोचहा पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 13 (खनुआं) में दो पक्षों के बीच रंगदारी मांगने को लेकर हुए विवाद के बाद हुए हिंसक झड़प में आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। इस संबंध में एक पक्ष के रामबली पासवान ने थाना को दिए आवेदन में बताया है कि गत 22 मार्च को पड़ोस के ही विजय पासवान एवं विजेन्द्र पासवान आपने पुत्रों के साथ घर पर आ धमके और मुझ से दो लाख रुपए रंगदारी की मांग करने लगे, रंगदारी नहीं देने पर आरोपित द्वारा मेरी पोती का अपहरण करने का प्रयास किया गया। जब मेरे परिवार के सदस्यों ने रोकने का प्रयास किया, तब आरोपित द्वारा गोपाल पासवान, अभिषेक कुमार एवं प्रशांत पासवान पर लोहे के रड से हमला कर दिया गया, जिससे पीठ तथा हाथ पर गंभीर चोट आई है। चोटिल अवस्था में सभी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

मिली जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गोबरसीट्ठा गांव में आपसी विवाद में दो पक्षों में मारपीट में एक महिला सहित दो घायल हो गई।घायल को परिजन इलाज के लिए सीएससी कल्याणपुर ले गए। जहां उसकी पहचान गोबरसीट्ठा निवासी संजय राय की 40 वर्षीय पत्नी इंदु देवी , 14 वर्षीय शुशीला कुमारी के रूप में हुई है। डॉक्टरों का बताना है कि दोनो का इलाज सीएससी कल्याणपुर में किया गया।

समस्तीपुर जिला के हसनपुर थाना क्षेत्र के मोतीथान हरिपुर गांव में तीन बच्चों को पागल कुत्ते ने काटकर जख्मी कर दिया। जख्मी की पहचान हसनपुर थाना क्षेत्र के मोतीथान हरिपुर गांव के रहने वाले गंगो महतो पुत्री अनुराधा कुमारी, रामाशीष महतो के पुत्र अमन कुमार एवं मोहम्मद जाकिर हुसैन के पुत्र मोहम्मद साजिद के रूप में की गई है । तीनों को इलाज के लिए हसनपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया है।

समस्तीपुर जिला के हसनपुर प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुर में विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण चिकित्सा को प्रैक्टिकल के साथ इंटरव्यू लिया गया। ग्रामीण चिकित्सा शिक्षित होकर गांव में मरीजों का बेहतर इलाज करेंगे। इसके लिए पूर्व में ही प्रशिक्षण लिया गया,ग्रामीण चिकित्सकओं को हसनपुर पीएससी में प्रैक्टिकल के साथ इंटरव्यू लिया गया। लेकिन इस व्यवस्था की शुरुआत होने से ग्रामीण चिकित्सा में काफी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। पीएससी प्रभारी डॉक्टर अरविंद कुमार,डॉक्टर राहुल कुमार,स्वास्थ्य प्रबंधक चंदन कुमार सिंह द्वारा सभी ग्रामीण चिकित्सकओं को प्रैक्टिकल के साथ एक-एक करके सभी ग्रामीण चिकित्सकओं को इंटरव्यू लिया गया। जिसमें विभिन्न प्रखंड से ग्रामीण चिकित्सकों डॉक्टर प्रैक्टिकल एवं इंटरव्यू में उपस्थित हुए थे।