विद्यापतिनगर। थाना परिसर में रख रखाव के अभाव में विभिन्न मामले में जब्त बाइक व अन्य वाहन जंग लगने के कारण बर्बाद हो रहा है। थाना परिसर में वर्षों से विभिन्न मामलों में जब्त गाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया नहीं होने के चलते करोड़ों की गाड़ी जंग की भेंट चढ़ रही है। दर्जनों बाइक, चार चक्का वाहन रखरखाव के अभाव में अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है। जब्त अधिकांश मोटरसाइकिल नई थी जो अब कबाड़ में भी बिकने के लायक नहीं रही है। अगर समय रहते इन गाड़ियों की नीलामी कर दी गई होती तो सरकार को लाखों के राजस्व की प्राप्ति हो सकती थी।पहले से ही बुनियादी सुविधाओं की कमी झेल रहे थानों के लिए इन गाड़ियों को रखना किसी आफत से कम नहीं है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विभिन्न मामलों में औसतन साल में बीस-तीस गाड़ियां जब्त होती हैं। बड़ी घटनाओं में प्रयुक्त वाहनों के अलावा न्यायालय में लंबित गाड़ियां थाना परिसरों में ही पड़ी रह जाती है। बाद में इसके दावेदार भी नहीं आते है। जिसके चलते जब्त वाहन थाने में ही सड़कर बर्बाद हो जाते हैं। फिलहाल, अनुमंडल क्षेत्र में कोई भी ऐसा थाना नहीं है जहां सैकडों की संख्या में जब्त गाड़ियां जंग नहीं खा रही है। नतीजतन विद्यापतिनगर थाना कबाड़खाना दिख रहा है। थाना परिसर में जमा दर्जनों छोटी-बड़ी वाहन व मोटरसाइकिल में से अधिकांश गाड़ियां खुले आसमान के नीचे धूल मिट्टी पानी के हवाले रखा है।