विद्यापतिनगर। प्रदेश की सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तमाम दिशा निर्देश दे रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाएं इस कदर खराब है, कि स्कूल आने वाले बच्चों को भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। विद्यापतिनगर प्रखंड में आने वाले एक सरकारी विद्यालय के हालात इतने खराब है कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जलभराव का नजारा स्विमिंग पूल जैसा नजर आता है। स्कूली बच्चे सिर पर बैग रखकर स्कूल आने के लिए विवश हो जाते हैं। कई बार इन बच्चों को चोटिल तक हो जाना पड़ता है। जिस पर ना तो ग्राम प्रधान ध्यान दे रहा है, और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। पानी से होकर गुजरते मासूम बच्चे मानो किसी स्विमिंग पूल तरफ जा रहे हैं। यह प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोहार टोल गढ़सिसई का है। जहां विद्यालय परिसर में जलभराव की समस्या ग्रामीण क्षेत्र के पढ़ने वाले बच्चे झेल रहे हैं। जहां गांव के 200 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। सूबे की सरकार सब पढ़े सब बढ़े का नारा देकर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर रखने के दावा कर रहे है। लेकिन यह जलभराव स्कूल में देखकर लगता है कि कैसे पढ़ेंगे और कैसे पढ़ेंगे। मगर इसकी चिंता शिक्षा विभाग को नहीं है। इस विद्यालय के जल निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं कि गई हैं। जिस कारण बरसात के मौसम में भरने वाला पानी निकल नहीं पाता। जो बिल्डिंग है, वह भी गांव के आम रास्ते से नीची होने के कारण बरसात के दिनों में आम रास्ते का पानी विद्यालय प्रांगण में भर जाता है। जिससे विद्यालय में रखी पुस्तकें ,फर्नीचर, सरकारी रिकॉर्ड एवं एमडीएम की खाद्य सामग्री खराब होने की संभावना रहती है। नतीजन प्राथमिक स्कूल स्विमिंग पूल की तरह नजर आने लगता है। इस बारिश के मौसम में जब पानी बरसता है। तब सरकारी स्कूल जलभराव में तब्दील हो जाता है। ऐसे में विद्यालय आने वाले बच्चों को खासी दिक्कत उठानी पड़ती है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं सिर पर बैग लेकर आने को मजबूर हो जाते है। कई बच्चे जलभराव में गिरकर घायल तक हो जाते है। जिससे किताबें बैग भी ख़राब हो जाते है। फिर भी समस्या के निदान के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाए गए। विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद कुमार राकेश ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर विद्यालय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है। लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है।