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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के दारू प्रखंड से बलराम शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि गर्मी का मौसम आते हीं मनुष्यों के साथ-साथ जीव-जंतुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम सभी को गर्मी से बचने के लिए घरेलू उपचार अपनाना चाहिए। जैसे कि-जब भी लोग अपने काम के लिए घर से बाहर निकलते हैं, तो आम का शरबत,निम्बू पानी, पुदीना और प्याज का सेवन करना चाहिए। इन सबका सेवन करने से लोग लू से बच सकते हैं। प्रत्येक वर्ष जब भी गर्मी आता है, तो अपने साथ कई चुनौतियाँ ले कर आता है। बढ़ती गर्मी के कारण कई राज्यों में लोगों को पानी की किल्ल्त होने लगती है। लोग 10-12 किलोमीटर दुर जा कर गंदे पानी पीने को बेबस हो जाते हैं। पानी के साथ-साथ लोगों को कृषि उत्पादन एवं बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ता है। अतः प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को समझे और गर्मी के मौसम में लोगों को हर सुख सुविधा मुहैया करवाएँ।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से टेक्नारयण प्रसाद ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते है की चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं के मौसम में आपकी कार्यक्षमता पर तो बुरा असर पड़ता ही है, अपने ऊपर अधिक ध्यान देने की भी जरूरत होती है।खासकर खानपान का तो इस मौसम में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे में खाने-पीने का खास खयाल रखा जाए तो शरीर के कमजोर होने और बीमारी पास आने की आशंका काफी कम हो जाती है।इस मौसम में शरीर में पानी का स्तर ठीक रखना बेहद जरूरी है। इस घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि।साथ में भी पानी लेकर चलें।लू लगने पर शरीर में गर्मी, और थकावट महसूस होने लगती है।मसल्स में खिंचाव लगता है, शरीर टूटने लगता है और प्यास बढ़ जाती है। कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है ऐसे में बेहोशी भी आ सकती है।हमे इन से बचाना चाहिए।गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ता है। कुंआ ,तालब ,नलकूप ,सुख जाते है पानी का हमे बर्बादी नहीं करना चाहिए।आवश्यकता अनुसार पानी का उपयोग करना चाहिए।जगह -जगह लगाए पानी के घड़े का उपयोग करना चाहिए।सरकार को पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिले से राजेश्वर महतो जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वर्तमान समय में बच्चे और युवा-वर्ग भविष्य बनाने के होड़ में अपने माता- पिता और बुजुर्गो के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल बैठा है।बुजुर्गो के आशिर्बाद से बच्चे अपने सपनों को साकार करते हैं तथा डाक्डर ,इंजीनियर ,आईएएस अधिकारी जैसे उच्च पदों पर आसीन होते हैं।काम का बोझ इस हद तक है कि चाह कर भी नौजवान बुजुर्गो को समय नहीं दे पाते और माँ -पिता को"ओल्ड होम" में भेज देते हैं।उच्च वर्ग में ज्यादातर ऐसा देखने को मिलता है।शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गो के प्रति समय ,आदर,और सम्मान अभी भी देखने को मिल जाता है। स्कुल और कालेजों में श्रवण कुमार और रामचरित मानस को पढाई में शामिल करना चाहिए। साथ ही शिक्षण संस्थानों में नैतिक शिक्षा एवं बड़े -बुजुर्गो के सम्मान सम्बंधित कोर्स सिलेबस में शामिल करना चाहिए।विवेकानंद,सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों की जीवनी के बारे में भी बच्चो को विस्तृत जानकारी देनी चाहिए।रोजगार के तलाश में युवक शहर चले जाते हैं और बूढ़े माँ -पिता पैतृक घर में अकेले रह जाते हैं और अपमान का जीवन बिताते हैं।

जिला हजारीबाग से श्री प्रसाद जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की यातायात के नियमो का पालन करने आए यातायात चालकों के लिए पुलिस प्रशासन को कठोर से कठोर नियम अपनाने पर ध्यान देना चाहिए।कई जगहों पर ब्रेकर ना होने की वजह से गाडी स्पीड चलाने वालो के साथ दुर्घटनाएं होती है।अत:पुलिस प्रशासन को तेज वाहन चलाने वाले चालकों पर रोक लगानी चाहिए

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