झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेस्वर महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बारिश का मौसम शुरू होते ही चारों तरफ प्राकृतिक सुंदरता व हरियाली छाने लगती है, जिससे मन प्रफुल्लित हो उठता है। मगर इसके साथ-साथ बारिश का मौसम कई वायु व पानी संक्रमित रोगों को भी आमंत्रण देता है। इस मौसम में घरों व आस-पास कीड़ें-मकौड़ों, बैक्टीरियल एवं फंगल इंफेक्शन का होना एक आम समस्या होती है।इसलिए हमे बारिश के मौसम में होने वाली कुछ आम बीमारियों जैसे सर्दी- जुकाम,फ्लू व बुखार,मलेरिया,टाइफॉइड ,आदि बीमारियों से सावधान रहना चाहिए ऐसी गंभीर बिमारियों से बचने के लिए मच्छर-दानी लगाकर सोएँ और ध्यान रखें कि उस पर मच्छर मारनेवाली दवा लगी हो।घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें।घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर जाली लगाएँ।घर में कूलर पुराने मटके टायर आदि में पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए साथ ही घर पर हमेसा धुआँ करना और करंज के तेल को पुरे शरीर में लगाना चाहिए ताकि मच्छर शरीर पर बैठे ना और घरेलू उपय करना चाहिए और अगर बीमारी बढ़ रही है तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि, बेरोजगारी की मार के कारण लोग पलायन करते हैं जो एक गंभीर समस्या बन गई है। गरीबी के कारण मजदुर एक राज्य से दूसरे राज्य एवं देश विदेश काम की तलाश में जाते हैं। लेकिन झारखंड राज्य में सबसे अधिक संख्या में लोग पलायन कर रहें हैं।देखा जाए तो,हज़ारीबाग़ जिले में 90% जनता दिल्ली,मुंबई, हैदराबाद,कर्णाटक,सऊदी अरब,मलेशिया व अन्य राज्यों और देशों में पलायन कर रहें हैं, इस बात की जानकारी श्रम विभाग को नहीं है।पलायन करने वालें बन्धुओं को सबसे पहले प्रखंड स्थित कार्यालय में रजिस्टेशन करवाना चाहिए और मिलने वाला हरा कार्ड पहचान पत्र ले लेना चाहिए। इस पहचान पत्र से कहीं भी मजदूरों को कोई परेशानी नहीं होती है।साथ ही झारखंड भवन एवं श्रमिक निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में भी निबंधन करवाने से श्रमिकों को 22 तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है।पलायन करने वाले श्रमिकों का आज तक कभी कोई सर्वे नहीं किया गया है, जिसके कारण लोग अपने परिवारों के जीवन यापन एवं भरण पोषण के लिए पूरी तरह से पलायन कर जाते हैं इसकी जाँच करने वाला कोई नहीं है। अतः पुरे देश में पलायन रोको अभियान चलाना चाहिए।
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हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि मजदूर एक संसाधन है, लेकिन राज्य में मजदूरों की हालत बहुत ही चिंता जनक बनी हुई है।मानव अपनी जीवनयापन करने के लिए रोजगार की तलाश कर अपने अच्छे जीवन व्यतीत की सोच रखते हैं।और फिर हमारा देश का विकास में भी मजदूरों का अहम योगदान है परन्तु झारखण्ड में मजदूरों के अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में जानकारी नहीं रहने से कई जगह वे फंस जाते हैं। मजदूर कोई भी सेक्टर में कार्य करे चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी सभी जगह वे दोहन एवं शोषण का शिकार होते हैं । कल-कारखानों,क्रसर मशीनों,खेती तथा ठेके में काम करने वाले मजदूरों को अपना आरईसीएस यानि रोजगार और सेवा शर्तो का अधिनियम 1996 के अनुसार निबंधन करवा कर कार्ड बनवाना चाहिए।ताकि मजदूरों को मिलने वाले योजनाओ का लाभ मजदूर आसानी उठा सके।सबसे पहले सरकार को श्रमिकों के लिए निकाली गई योजनाओं के बारे में पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर जागरूकता फैलाना चाहिए।सरकारी प्रतिष्ठान एवं गैरसरकारी प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1947 के अनुसार मिलना चाहिए। सैकड़ो ऐसे मजदूर हैं, जिनका पैसा ठेकेदार के पास है और मजदूर अपनी मजदूरी माँगते हैं , तो उन्हें केवल आश्वासन ही मिल पता है।अपना मेहनत,खून-पसीना से कमाई किया गया मजदूरों को उनका पैसा जल्दी नहीं मिलता है।वहीँ दूसरी ओर मजदूरों से 8 घंटे की जगह 10 से 12 घंटे काम करवाया जाता है जिसकी जाँच करने वाला कोई नहीं है।अतः राज पालिवार जी को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए तथा प्रत्येक प्रखंड में लेबर इंस्पेक्टर को प्रखंड मुख्यालय में बहाल करना चाहिए ताकि मजदूरों की समस्या एवं श्रम विभाग से मिलने वाला लाभ आसानी से मिल पाए।
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