झारखण्ड राज्य से हमारे एक श्रोता की बातचीत युवा मोबाइल वाणी के माध्यम से नावाटांड़ ग्राम निवासी यशोदा कुमारी से हुई। यशोदा 'मेरा मुखिया कैसा हो 'कार्यक्रम के तहत कहती है कि मुखिया को शिक्षित एवं ईमानदार होना चाहिए जो सभी ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करें। देखा जाता है कि कई मुखिया चयनित होने के बाद ज़िला प्रखंड में मौज़ूद रहते है जिस कारण गाँव में उनकी अनुपस्थिति में ग्रामीणों को तमाम कार्यों के लिए असुविधा होती है