झारखंड राज्य से दिव्या कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से 'बस चलते जाना' शीर्षक पर आधारित कविता प्रस्तुत कर रही है जिसमें उनका कहना है कि राह में चलते जाना है ,मंजिल खुद ही पाना है ,दूर दूर तक चलते, बस चलते जाना है। रास्ते खुद ही बनाना है,आगें बढ़ते जाना है,दूर दूर तक चलते,बस चलते जाना है । लक्ष्य भेद कर हमको,आगें जाना है,सपने को पूरा करके,हमे मंजिल पाना है.लाख मुसीबत आये कोई ,उसे ऱास्ते से हटाना है,दूर दूर तक चलते,बस चलते जाना है।