हज़ारीबाग से असरार अंसारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भारत सरकार द्वारा पुराने नोटों पर अचानक प्रतिबंद लगा देने से काला धन की वापसी,आतंकवादी गतिविधियों पर रोकथाम,नक्सलवाद-भ्रष्टाचार व जाली नोटों के कारोबारियों पर कब और कितना कारगर साबित होगा यह तो भारत सरकार ही जानते है। फिलहाल देश के सभी नागरिक पूर्ण रूप से प्रभावित हो गए है व इसके चपेट में आ चुके है। इससे देश के सभी हिस्से में खलबली मच गयी है। 500 एवं 1000 के नोटों को डाकघर व बैंक में जमा करने के लिए लोग अपने सभी जरूरी कामो को छोड़ कर घंटो भर भीड़ का समाना करते हुए लाइन में खड़े रहते हैं । नोटो को बदले में बैंक द्वारा 2000 से 4000 रूपये तक दिया जा रहा है, जो अपर्याप्त है। 500 और 1000 नोटों के बंद होने से अब 100 एवं 50 के नोट भी अचानक बाजार में गायब होती दिख रही है। अब चाहे पुराना नोट हो या नया नोट छुट्टा का आभाव हो गया है। जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश की आम जनता सफरों में,अस्पतालों में, शादियों में व अन्य जरूरी कामो से घर से बाहर हैं और अचानक नोट बंदी का फैसला लिया गया है जिसके कारण लोग परेशान और बेहाल हो रहे है। जब तक नई व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नही हो जाती है तब तक लोगो को कुछ और दिनों तक इस परेशानी को झेलना ही पड़ेगा।