फेसबुक पर एक वीडियो इस समय खूब धूम मचा रहा है, इसमें दावा किया जा रहा है कि इंस्टेंट नूडल मैगी में स्वाद बढ़ाने के चक्कर में सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है. फेसबुक पर सीक्रेट इंडियन नाम के एक पेज ने इस दावे के साथ ये वीडियो अपलोड की. इस वीडियो में ये भी कहा गया कि ऐसे कई अन्य पैकेज फूड हैं जिसमें ऐसा फ्लेवर एनहांसर डाला जाता है जो सूअर की चर्बी से बनता है. वीडियो के शीर्षक में लिखा है 'मैगी खाते हो सच को फैलाओ'. लेकिन यह वीडियो और इसमें दर्शाया गई कहानी झूठी है. शुरुआत में वीडियो लेज़ चिप्स में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हुए एनहांसर के बारे में बताता है और दावा करता है कि इसमें सूअर की चर्बी होती है. उसके बाद वीडियो में कहा जाता है कि कई खाद्य पदार्थों में इसी एनहांसर का प्रयोग किया जाता है. वीडियो में ये भी बताया गया कि कैसे सूअर की चर्बी को 18वीं सदी में कई चीज़ों के लिए उपयोग में लाया जाता था. वीडियो लोगों को मैगी के सेवन के बारे में जागरूक करने की बात तो करता है लेकिन पूरे वीडियो में मैगी का तो कोई ज़िक्र ही नहीं है. AFWA ने पाया कि इस दावे का कोई पुख्ता सबूत नहीं है. हालांकि E 635 और E631 जानवरों से ही प्राप्त किये जा सकते हैं,लेकिन जानवर ही इस एनहांसर का एकलौता स्रोत नहीं हैं. नेस्ले ने अपनी वेबसाइट के FAQ https://www.maggi.in/faq सेक्शन में साफ़ बताया है कि मैगी के E 635 एनहांसर को बनाने के लिए चुकंदर और यीस्ट का प्रयोग होता है जो जानवरों से नहीं लिया जाता. तो साथियों इस वीडियो को सच न मानें. यह सच है कि हमें पौष्टिक आहार खाना चाहिए और जंक फूड से दूर रहना चाहिए लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि इन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने के लिए ऐसे भ्रामक वीडियो पर विश्वास करें.