बिहार राज्य के मधुबनी जिला के मधवापुर प्रखण्ड से राज किशोर यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई नहीं के बराबर है। अभिभावक अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाते है।और प्राईवेट स्कूलों की किताबें महंगी होने के कारण कितने अभिभावक अपने बच्चों के लिए किताबें नहीं खरीद पाते है।क्योंकि कई बच्चों के अभिभावक मजदूरी का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते है।साथ ही हर महीने स्कूल की फ़ीस भी भरनी पड़ती है। छात्र-छात्रों के अभिभावकों को हर समय चिंता सताये रहती है।अगर बिहार में शिक्षा की यही स्थिति रही तो शिक्षा के बदले अशिक्षा देखने को मिलेगा।