***फाइलेरिया मरीजों को बांटी गई एमएमडीपी किट*** फाइलेरिया से प्रभावित अंग के प्रबंधन से संबंधित तरीके सिखाए फाइलेरिया मरीजों ने ग्रामवार बनाए समूह, अन्य लोगों को फाइलेरिया के प्रति करेंगे जागरुक शाहजहाँपुर जनपद के ब्लॉक भावलखेड़ा के अंतर्गत आने वाले हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर जामुका और रौसर के ग्राम जमुका, चौढ़ेरा, चक परमाली, रौसर कोठी, दनियापुर और लालबाग के फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया और फाइलेरिया से प्रभावित अंग के प्रबंधन से संबंधित तरीके भी सिखाए गए । इसके साथ ही सामुदायिक बैठक का भी आयोजन किया गया। इसमें फाइलेरिया की बीमारी से संबंधित जानकारी दी गई और 55 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट का भी वितरण किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा प्रशिक्षण के दौरान हाथीपांव के मरीजों को बताया गया कि मरीज को टब में अपना प्रभावित अंग रखना होता है और फिर मग से धीरे धीरे पानी डालकर अंग को भिगोना होता है। पानी न तो ठंडा हो और न ही गरम हो। साबुन को प्रभावित अंग पर सीधे नहीं लगाना है । साबुन को हाथों में लेकर झाग बना लेना है और फिर उसी झाग को प्रभावित अंग पर लगाना है और अंग को धुलना है । इसके बाद साफ कॉटन के तौलिये से बिना रगड़े हल्के हाथ से अंग को साफ करना है। अगर प्रभावित अंग कहीं कटा है या इंफेक्टेड है तो वहां पर क्रीम भी लगाना है। प्रतिदिन ऐसा करने से हाथीपांव से प्रभावित अंग सुरक्षित रहते हैं और आराम भी मिलता है । इसके अलावा एड़ियों के सहारे खड़ा होकर प्रतिदिन व्यायाम करना है। इस पूरी प्रक्रिया के लिए एमएमडीपी किट विभाग द्वारा सरकारी प्रावधानों के अनुसार प्रदान किया जाता है । फाइलेरिया मरीजों का समूह भी बनाया गया इस दौरान अलग-अलग गांव में फाइलेरिया मरीजों के समूह भी बनाए गए। ग्राम जमुका में जमुका फाइलेरिया रोधी समूह बनाया गया, चौढ़ेरा में चौढ़ेरा फाइलेरिया रोधी समूह बनाया गया, लालबाग में लालबाग फाइलेरिया रोधी समूह बनाया गया। इन समूहों में शामिल फाइलेरिया मरीज माह में एक बार बैठक किया करेंगे और शनिवार को लगने वाले स्वास्थ्य मेले में लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरुक करेंगे और उन्हें अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके साथ ही फाइलेरिया मरीज अपने स्वास्थ्य की भी जांच कराएंगे। ग्राम जमुका निवासी 52 वर्षीय नफीसा बेगम बताती है की 20 वर्ष पहले मुझे फाइलेरिया की बीमारी हुई थी अब मेरे दोनों पैर फाइलेरिया ग्रस्त हैं मुझे ठंड लगकर बुखार आता है और असहनीय दर्द होता है। सर्वजन दवा सेवन अभियान में जो लोग फाइलेरिया रोधी दवा खाने से इनकार कर रहे थे मैंने आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी के क्षेत्र में ऐसे परिवारों को अपनी समस्या के बारे में बताया और अपने अनुभव साझा किया इसके बाद सभी ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया । प्रशिक्षण में जो भी बताया गया है मैंने इसको ध्यान पूर्वक सीखा है जिससे मुझे आराम मिले l मैं प्रशिक्षण में दी गई जानकारी और व्यायाम के तरीकों को अपने दिनचर्या में शामिल करूंगी जिससे मुझे तेज बुखार और असहनीय दर्द से राहत मिले । एमएमडीपी किट से संबंधित प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने आए ग्राम चक परमाली के निवासी 27 वर्षीय प्रमोद वर्मा ने बताया कि मुझे 5 वर्ष पहले फाइलेरिया की बीमारी हुई थी, सबसे पहले मुझे ठंड लगी और फिर तेज बुखार आया इसके उपरांत ही मेरे उल्टे पैर में दर्द शुरू हो गया असहनीय दर्द के बाद पैर सूज गया फिर मैंने सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों से दवाई कराई लेकिन आराम नहीं मिला । फिर मैंने झाड़ फूंक का भी सहारा लिया और पैर में ताबीज बांध लेकिन कोई आराम नहीं मिला, मेरा सीधा पैर भी सूज गया अब मेरे दोनों पैर फाइलेरिया प्रभावित है। एमएमडीपी किट से संबंधित प्रशिक्षण में प्रतिभाग करके यह जानकारी प्राप्त हुई है कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों का अच्छे से रख रखाव करके हम दर्द और बुखार से कुछ हद तक बच सकते हैं। मैंने इस तरह के प्रशिक्षण में पहली बार प्रतिभाग किया है, जिसमें फाइलेरिया की बीमारी से संबंधित जानकारी मिली साथ ही व्यायाम के बारे में भी बताया गया मैंने प्रशिक्षण और व्यायाम को अच्छी प्रकार से सीखा है । मैं सदैव अपने दिनचर्या में प्रशिक्षण के स्टेप को शामिल करूंगा जिससे मुझे आराम मिले। इस दौरान सीएचओ जामुका रोली राजबंसी, सीएचओ रौसर इमैनुअल मसीह, ग्राम जमका आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी और सदा देवी, ग्राम चौढ़ेरा आशा संगिनी सुनीता शुक्ला, आशा कार्यकर्ता सोनी सिंह, ममता, कमलेश तिवारी दनियापुर , विजयलक्ष्मी रौसर कोठी, आरती लालबाग, कुसमा चक परमाली आदि मौजूद रही ।