कार्यक्रम : "पूस की रात" का हुआ मंचन। कलान,शाहजहांपुर। कटरी क्षेत्र के गाँव हेतमपुर के आर एस कॉन्वेंट पब्लिक इंटर कॉलेज में संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अमर शहीद परमवीर चक्र नायक जदुनाथ सिंह जन कल्याण सेवा संस्थान की ओर से उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित "पूस की रात' का मंचन किया गया। इस नाटक के मंचन का शायद इससे बेहतर और कोई स्थान हो भी नहीं सकता था।ग्रामीण परिवेश की कहानी को ग्रामीणों के बीच सर्द मौसम में प्रस्तुत कर आयोजकों ने नाटक में जीवंतता प्रदान करने का पूरा प्रयास किया।कहानी ग्रामीण जीवन से जुड़ी है। इस कहानी का नायक हल्कू मामूली किसान है। उसके पास थोड़ी-सी जमीन है, जिस पर खेती करके वह गुजारा करता है लेकिन खेती से जो आय होती है, वह ऋण चुकाने में निकल जाती है। सर्दियों में कंबल खरीदने के लिए उसने मजदुरी करके बड़ी मुश्किल से तीन रुपये इकट्ठे किये हैं। लेकिन वह तीन रुपये भी महाजन ले जाता है। उसकी पत्नी मुन्नी इसका बहुत विरोध करती है, किंतु वह भी अंत में लाचार हो जाती है।हल्कू अपनी फसल की देखभाल के लिए खेत पर जाता है, उसके साथ उसका पालतू कुत्ता जबरा है। वही अंधकार और अकेलेपन में उसका साथी है। पौष का महीना है। ठंडी हवा बह रही है। हल्कू के पास चादर के अलावा ओढ़ने को कुछ नहीं है। वह कुत्ते के साथ मन बहलाने की कोशिश करता है, किंतु ठंड से मुक्ति नहीं मिलती। तब वह पास के आम के बगीचे से पत्तियाँ इकट्ठी कर अलाव जलाता है । अलाव की आग से उसका शरीर गरमा जाता है, और उसे राहत मिलती है। आग बुझ जाने पर भी शरीर की गरमाहट से वह चादर ओढ़े बैठा रहता है।उधर खेत में नीलगायें घुस जाती हैं। जबरा उनकी आहट से सावधान हो जाता है। वह उन पर भूँकता है। हल्कू को भी लगता है कि खेत में नीलगायें घुस आई हैं लेकिन वह बैठा रहता है। नीलगायें खेत को चरने लगती हैं, तब भी हल्कू नहीं उठता। एक बार उठता भी है तो ठंड के झोंके से पुनः बैठ जाता है और अंत में चादर तानकर सो जाता है।सुबह उसकी पत्नी उसे जगाती है और बताती है कि सारी फसल नष्ट हो गयी। वह चिंतित होकर यह भी कहती है कि अब मजदूरी करके मालगुजारी भरनी पड़ेगी ।इस पर हल्कू प्रसन्न होकर कहता है कि रात को ठंड में यहाँ सोना तो न पड़ेगा!' इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है। नाटक में हल्कू का किरदार आलम, मुनिया का किरदार प्रिया रॉय,झबरा का रोल कपिल देव, सेठ का रोल, विशाल तिवारी, लाठी बाज के रोल में अदनान, यशदेव शर्मा ने निभाया, निर्देशन शादाब खान, मेकअप अर्जुन सिंह आदि ने किया।कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथि गण डॉ विनय शर्मा, राम गोपाल वर्मा, बीरभान सिंह, आलोक प्रताप सिंह, कौशलेन्द्र रघुवंशी ने माँ सरस्वती एवं विद्यालय संस्थापक बाबू राजेश्वर सिंह के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया.कार्यक्रम के समापन पर सभी आथितियो को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया गया.संस्था अध्यक्ष मुनीश सिंह परिहार ने सभी का मांल्यार्पन कर स्वागत किया।