मुख्य सड़क की बात कौन करे गांव की सड़कें भी अतिक्रमण का शिकार है। इससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो गांव की छोटी सड़क जिसकी चौड़ाई ही 10 से 12 फीट है और उसका भी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं कोई सड़क को अतिक्रमण कर घर बनाए हुए है तो कहीं दलान बना रखा है तो कहीं लोगों के द्वारा जलावन, पुआल को सड़क से सटाकर रखने की परंपरा है। इतना ही नहीं सड़कों पर माल-मवेशी बांधना भी शान में शामिल है। करीब-करीब पिपरा प्रखंड के लगभग दर्जनों गांवों में यही स्थिति बनी हुई है जिससे हर आने-जाने वाले लोगों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो बीच सड़क पर बंधे मवेशी को राहगीरों द्वारा हटाया जाता है। यदि कोई भी राहगीर इन अतिक्रमणकारियों को मवेशी या जलावन हटाने की भी बात कहते है तो उनसे ही वे उलझ पड़ते हैं। आये दिन सड़क दुर्घटना में लगातार वृद्धि हो रही है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रखंड के महत्वपूर्ण निर्मली चौक से कटैया, बथनाहा होते रतौली जाने वाली मुख्य सडक की स्थिति तो बिल्कुल दयनीय है। इस पथ पर कूड़ा का ढेर लगा हुआ है तथा जानवरों को बांध दिये जाने से बराबर दुर्घटना होती रहती है तथा वाहन चालकों की जान हमेशा सांसत में रहती है। गांवों में सड़क अतिक्रमण का शिकार होकर लगातार सिकुड़ती जा रही है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से अविलंब सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।