नमस्कार आदाब श्रोताओं, उत्तर प्रदेश मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो गोमती नगर, लखनऊ स्थित गिरिजा एंड कंपनी में टेली कॉलर के पद पर कार्य करने की इच्छा रखते हैं। न्यूनतम 12वी पास इच्छुक अनुभवी व फ्रेशर व्यक्ति इस पद के लिए आवेदन कर सकते है। चयनित व्यक्ति को उनके कार्य क्षमता के आधार पर प्रतिमाह 8,000 से 18,000 रुपए वेतन दिया जायेगा । इच्छुक व्यक्ति इस पद से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। नंबर हैं : 86049 19893। तो दोस्तों, अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाए, साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने बाकि दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं। धन्यवाद !
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा खेती में हरी खाद का इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?
बचपन मनाओ बढ़ते जाओ और मोइलवाणी की प्रतियोगिता ''चलो पढ़ें और पढ़ाएं'' में हिस्सा ज़रूर लें और परिजन अपने बच्चों को वाक्य पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें | बच्चे नया पढ़ेंगे तो नया सीख भी पाएंगे.
सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहु ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने की जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।
आजकल कम उम्र में ही लोग लम्बी और गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है. तो दोस्तों आइये हम सब संकल्प ले और स्वस्थ आदतें अपनाएं: अपने आहार पर ध्यान दें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें,डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं, स्वस्थ आदतों के महत्व के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जरूर बताएं.ये सरल कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.मोबाइल वाणी परिवार यह मानता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने के प्रति सचेत और सजग रहने का निरंतर प्रयास है. आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि "स्वास्थ्य सबका अधिकार" वाकई में सच हो जाए
उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूदीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया' कि सरकारी योजनाओं को ध्वस्त किया जा रहा है और उनका निजीकरण किया जा रहा है, जिससे उन्हें खुले बाजार में छोड़ दिया जा रहा है, जिससे गरीबों को बहुत नुकसान हो रहा है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि जो कोई भी निजी व्यक्ति या निजी संस्थान है, वह अपने लाभ को देखेगा, न कि लोगों के लाभ को, जबकि जब भी सरकार कोई योजना बनाती है, जब भी वह कोई काम करती है। वह देखती हैं कि गरीब और आम लोग इससे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं, और विशेष रूप से प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना पर चर्चा करती हैं। मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली गर्भवती महिलाओं को पांच हजार रुपये या दो किश्तों में दिए जाते हैं। यदि वह दूसरी बार गर्भवती हुई है और अगर दूसरी बार गर्भवती होने पर उसे कोई लड़की पैदा हुई है, तो उसके खाते में छह हजार रुपये की एकमुश्त राशि जमा की जाती है। गर्भवती महिलाओं को लाभ दें क्योंकि जब गर्भवती महिलाएं होती हैं, तो सरकार उन्हें उनके रखरखाव, उनके अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे पोषण के लिए अतिरिक्त पैसा देती है, जबकि जब दूसरी लड़की होती है, तो वह पैसा बच्चे पैदा करने पर खर्च किया जाता है।