Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे सरकारी बीमा योजना से जुड़ी जानकारी

इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?

यह नौकरी उन लोगों के लिए है कर्मचारी चयन आयोग के कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल के 17727 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी भी स्ट्रीम से स्नातक पास किया हो , इसके साथ ही उम्मीदवार की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा।ओबीसी व सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 100 रुपये व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आवेदन निशुल्क है, इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.sarkariresult.com/ssc/ssc-cgl-2024/ योग्य उम्मीदवारों का चयन ऑनलाइन परीक्षा के बाद किया जाएगा। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 24/07/2024 है ।

आधुनिक समय में पृथ्वी पर पर्यावरण का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। यह नुकसान सीधे मनुष्यों द्वारा किया जाएगा। समय के साथ वाहनों की संख्या बढ़ने से पर्यावरण पूरी तरह से मनुष्यों द्वारा प्रदूषित हो जाएगा। एक व्यक्ति के पास ये तीन चौंसठ पचास-पाँच गाड़ियाँ हैं, भले ही उसे केवल एक की आवश्यकता हो, लेकिन वह इसमें कई गाड़ियाँ रखता है। पर्यावरण को इस तरह से विकसित करना होगा कि आधुनिक युग में जो खेती हो रही है, मिट्टी की खेती करते समय आधुनिक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। अधिकांश किसानों ने रसायनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। मिट्टी भी दूषित हो रही है जिससे इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ रही है और इसलिए इससे जो कुछ भी उत्पन्न हो रहा है वह भी पूरी तरह से दूषित हो रहा है जो मानव स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से हानिकारक है। इस तरह पृथ्वी पर कारखाने लगाए जा रहे हैं, जिससे लोग कई रसायनों का उपयोग करते हैं, कई रसायन भी निकलते हैं, जो पर्यावरण को पूरी तरह से प्रदूषित कर रहे हैं। इस तरह, जब कारखानों से गंदा पानी निकलता है, तो उसे समुद्र या नदियों में छोड़ दिया जाता है, जिससे पानी भी दूषित हो रहा है। यह योजनाबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए, यह पर्यावरण के अनुकूल तरीके से किया जाना चाहिए, यानी जो भी काम किया जाए, वह पूरी तरह से यह समझकर किया जाना चाहिए कि पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, अगर पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

अपनी इच्छानुसार पेड़ लगाने से हमें कई लाभ होते हैं। ऑक्सीजन पेड़ों द्वारा प्रदान की जाती है क्योंकि हर कोई जानता है कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। ऑक्सीजन मनुष्यों के लिए आवश्यक है। प्राणियों के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है। इस तरह हमें पेड़-पौधों से फल, रक्त वाहिकाएं और लकड़ी भी मिलती है। यह वनों की कटाई को रोककर पर्यावरण को साफ करने के लिए पक्षियों और जानवरों के लिए एक आश्रय भी बन जाता है। इस तरह, एक पेड़ लगाने से बहुत लाभ होता है।

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को हमें घरेलु हिंसा के बारे में जागरूक करना होगा