उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और विपक्ष में सत्तारूढ़ दल के अधिकार के विषय पर चर्चा की जा रही है जिसमें यह बताया गया है कि सत्तारूढ़ दल द्वारा जो मनमानी की जा रही है, यानि की जो परंपरा है उन्हें दरकिनार कर रहे हैं और वही कर रहे हैं जो उन्हें सही लगता है। ऐसा करना बिलकुल भी जायज़ नहीं । लोकतंत्र की सुंदरता यह है कि सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों की सहमति से अगर कोई काम होता है, तभी देश का विकास होता है, तभी वह विकास लोगों तक पहुंचता है, अगर सत्तारूढ़ दल सब कुछ अपने तरीके से करेगा, यानी वह किसी भी विपक्ष की बात नहीं सुनेगा, केवल अपने मन की करेगा तो ये लोकतंत्र के बिल्कुल विपरीत होगी, इसलिए सत्तारूढ़ दल को मनमाने ढंग से काम नहीं करना चाहिए, जबकि विपक्ष को भी सुना जाना चाहिए और जहां भी उचित लगे, लोगों का विश्वास हो वही काम करना चाहिए, यह नहीं कि सत्तारूढ़ दल जो चाहे करे, जो भी उसका मन हो, या चाहे वह अपनी परंपराओं में हो या नहीं, उसे ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। सत्ता पक्ष देश को भी चला सकते हैं, वे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ा सकते हैं, पूरी तरह से सत्तारूढ़ दल और विपक्ष इसी तरह लोकतंत्र का संविधान इस तरह से लिखा गया है कि केवल एक दल भारत के संविधान पर पूरी तरह से हावी होकर कोई काम नहीं कर सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूदीन मोबाइल वाणी के माध्यम बता रहे हैं कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए सरकार को हर क्षेत्र में महिलाओं को आरक्षण देना चाहिए, लेकिन उस आरक्षण को लोगों तक ले जाना बहुत जरूरी है, यानी कानून बनाए जाते हैं और आरक्षण भी दिया जाता है। कानून भी बनाए जाते हैं, महिलाएं भी लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए कई योजनाएं बनाती हैं, लेकिन वे योजनाएं लोगों तक पहुंचेंगी जहां तक शिथिलता बढ़ी है, यानी उस कानून में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए जो भी उपाय किए गए हैं। उन्हें लोगों के पास ले जाएं, उन्हें महिलाओं के बारे में जानकारी दें, उनके अधिकार क्या हैं, उन्हें शिक्षित करें, उन्हें जानकारी दें, उस जानकारी को लोगों तक पहुंचाएं ताकि महिलाएं उनके बारे में जान सकें और उनके बारे में जागरूक हो सकें। यह विश्वास नहीं किया जा सकता है कि नियम और विनियम बनाए जा सकते हैं, लेकिन जब तक वे महिलाओं तक नहीं पहुंचेंगे, महिलाओं को उनके बारे में पता नहीं होगा, इसलिए महिलाओं का उपयोग कैसे किया जाए, यह बहुत गंभीर है।

दोस्तों, कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखकर इस गर्मी में अपने शरीर के साथ साथ घर को भी बनाएं थोडा ठंडा ठंडा, कूल कूल | कैसे? आइये इस कार्यक्रम में जानते है |

Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए भी, अगर हम अपने आस-पास की हवा को शुद्ध करना चाहते हैं, अगर हमें अधिक ऑक्सीजन चाहिए, तो हमें ऐसे पेड़ों का उपयोग करना चाहिए या अपने घरों में ऐसे पेड़ लगाने चाहिए जो चौबीस घंटे का ऑक्सीजन दें ताकि हमारे घर के आस पास वायु साफ रहें। कई पेड़ हैं जो चौबीसों घंटे ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जिनमें तुलसी भी शामिल है, जिसकी पूजा हिंदू मान्यताओं के अनुसार की जाती है। अगर तुलसी का पौधा लगाते हैं, तो तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है जो चौबीस घंटे तक ऑक्सीजन देता है, उसी तरह पीपल के पीपल की भी पूजा की जाती है या पहले पीपल बड़ी मात्रा में लगाया जाता था , लेकिन अब यह धीरे-धीरे कम हो रहा है, जबकि पीपल भी एक ऐसा पेड़ है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। इसी तरह, इसमें नीम का पेड़ भी शामिल है, क्योंकि नीम के पेड़ से सब कुछ फायदेमंद होता है इससे कई दवाओं की व्यवस्था भी की जाती है। नीम भी हमारे लिए दिन में 24 घंटे ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है, इसलिए अगर घर के आसपास नीम का पौधा लगाया जाए तो नीम के और भी कई फायदे हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पानी की सिंचाई करना और पानी का संरक्षण करना बहुत जरूरी है। यदि पानी बचाने के लिए अपने घर के नल में समस्या हो रही है तो उन्हें जल्द से जल्द ठीक करें।जब सुबह उठते हैं और ब्रश करते हैं कम से कम पानी का इस्तेमाल करें जरूरत पड़ने पर पानी का खोलें , शौचालय में ज्यादा पानी न बहायें। जितना संभव हो उतना कम पानी का उपयोग करें यदि साबुन लगा रहे हैं, तो जितना संभव हो उतना पानी बंद करें और यदि अपने बगीचे की सिंचाई कर रहे हैं तो जितना संभव हो उतना कम पानी का उपयोग करें। जब वर्षा जल एकत्र करते हैं और इसे संग्रहीत करते हैं तो कम पानी का उपयोग करें साथ ही सिंचाई के लिए पहले से ही उपयोग किए गए पानी का इस्तेमाल करें।

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जुड़ी जानकारी

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फारूद्दीन खान मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता रहा है। इस असमानता को दूर करने के लिए महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी शिक्षित होने और उनकी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। अर्थात्, यदि पुरुष समाज शिक्षित है, तो वह उच्च शिक्षित होगा। वह महिलाओं का सम्मान करना जानते हैं। महिलाओं और पुरुषों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। तभी इस लैंगिक असमानता को दूर किया जा सकता है। भारत एक पुरुष प्रधान देश है, जहाँ महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता है। कम से कम पुरुष, यदि वे शिक्षित हैं और उन्हें हर चीज का ज्ञान है, तो वे यह समझ सकेंगे कि किसी भी देश के विकास में महिलाओं को भी सबसे आगे लाना चाहिए, जैसा कि छोटे पैमाने पर किया जाता है। अगर परिवार चलाना है तो कोई भी व्यक्ति अकेले परिवार नहीं चला सकता। परिवार चलाने के लिए उसे एक महिला की आवश्यकता होगी। इसी तरह, अगर किसी देश को चलाना है, तो केवल एक पुरुष मित्र ही देश चला सकता है। आधी आबादी वाली महिलाओं को पूरा समर्थन देना संभव नहीं है, यह तभी पूरा समर्थन ले सकता है जब पुरुष समाज महिलाओं को आगे आने और आगे बढ़ने की अनुमति दे, तभी महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं और भाग ले सकती हैं।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.