उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लैंगिक असमानता, यानी महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं मानते हैं या महिलाओं को समान अधिकार नहीं देते हैं। महिलाओं के उन सभी आयामों का बहुत अलग तरीके से उपयोग करने में सक्षम होने के लिए, यहां तक कि खेल स्तर पर भी, महिलाओं को लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ता है, यानी जब खेल की बात आती है तो भेदभाव, चाहे वह वॉलीबॉल हो या कोई भी खेल बैडमिंटन। अगर खेल महिलाओं और पुरुषों दोनों के खेल हैं, तो खेल को अधिक महत्व दिया जाता है, जब क्रिकेट जैसा खेल होता है, जब यह महंगा होता है, तो आयोजक ज्यादा नहीं होता है, यानी, इसमें अधिक पैसा लगता है, लेकिन फिर भी महिलाओं के खेल से अधिक, आयोजक कम होता है। और जब दोनों खेल एक ही खेल खेलते हैं तो इसमें कम पैसा लगता है, लेकिन वहाँ भी, खेल को किस क्षेत्र में लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ता है। एक ही खेल पर महिलाओं को कम भुगतान किया जाता है। सौ लोगों से करोड़ों रुपये लूट लिए जाते हैं।

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इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भीड़ बहुत छोटा शब्द है, लेकिन जब यह इकट्ठा होती है, तो यह बहुत बड़ी मात्रा में होती है। भीड़ में से कोई भी कहीं भी कैसे जा सकता है, यानी अगर वह भीड़ अनियंत्रित हो जाये, तो उस भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। हाल के ही घटना में भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रशासन और आयोजक के लिए भीड़ को नियंत्रित करना असंभव हो गया था, इस वजह से ऐसा हुआ है और इतने सारे लोग , जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग की जाने गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस घटना का सबसे बड़ा कारण है,प्रशासन को इसकी सूचना न देना, यदि बाबा द्वारा प्रशासन को सही जानकारी दी गई थी, तो प्रशासन उसके अनुसार सुरक्षा की व्यवस्था करता है। लेकिन यह जानकारी न देना इस दुर्घटना का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अधिकांश महिलाओं को पांचवीं कक्षा से छहवीं और कुछ को दसवीं से बारहवीं तक ही शिक्षा मिलती हैं, लेकिन जब उच्च शिक्षा की बात आती है तो महिलाएं इस मामले में बहुत पीछे पाई जाती हैं। सरकार को महिलाओं की उच्च शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह आवश्यक है कि प्रत्येक परिवार को उतनी ही लड़कियों की व्यवस्था की जाए, जितनी महिलाएं हों, उन्हें उच्च शिक्षा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए और इसका उपयोग गारंटी के रूप में किया जाए।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से सेहनाज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी हाल ही में हाल ही में जो हाथरस की घटना है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। इस घटना के कारण जो भी भगदड़ हुई जिससे कई लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर मलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। इस घटना ने पुरे यूपी को दहला दिया ,इस घटना का आयोजन करने वाले बाबाओं और प्रसाशन दोनों जिम्मेदार हैं। बाबाओं द्वारा सरकार को सही जानकारी न देने के कारण इतनी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी ।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है। जैसा कि महिलाओं को नौकरी दी जानी चाहिए या व्यापार करना चाहिए, इस पर हमेशा एक सवालिया निशान रहा है। इस तरह की चीजें ऐसी नहीं होनी चाहिए जिन पर लोग विश्वास नहीं करते हैं या उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित नहीं करते हैं या उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देते हैं। काम करने में सक्षम हों, व्यवसाय चलाने में सक्षम हों, अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हों। महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए कि जो महिला नौकरी करती है या व्यापार करना चाहती है,यानी उसे आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए। तभी यह देश भी विकास करेगा और महिलाएं भी विकास करेंगी और जिनकी रूढ़िवादी सोच है कि महिलाओं को घर का काम करना चाहिए, उन्हें नौकरी नहीं करनी चाहिए, उन्हें व्यापार नहीं करना चाहिए, इस तरह की सोच को बदलना होगा। महीने में महिलाओं को उनका अधिकार मिलेगा, यानी महिलाओं को भी नौकरी करने के लिए आगे आना होगा। कई जगहों पर यह भी देखा गया है कि महिलाओं को नौकरी दी जाती है, लेकिन वेतन पुरुषों के बराबर नहीं दिया जाता है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को अपनी पैतृक संपत्ति पर अधिकार होना चाहिए या नहीं, लेकिन अगर हम उनके ससुराल वालों की बात करते हैं। यानी, अगर उसका पति अपने ससुराल वालों की बात कर रहा है, तो पत्नी को अपने पति के पूरे हिस्से यानी उस पति पर पूरा अधिकार है। यदि किसी पत्नी के पति की मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी को पति के सभी अधिकार मिलते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। इसमें, कानून के अनुसार, यदि पति की पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो ससुराल वालों का पैतृक संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होना चाहिए ।