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जीएसटी न भरने के कारण छापा मारी गई दुकान पर

प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद अभी भी बरसात के बाद घास फूस उगा हुआ है जिसका सफाई नहीं हो रहा है

गांधी जयंति के ठीक एक दिन बाद घटे एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सरकारी जांच एजेंसी ईड़ी ने देश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘न्यूजक्लिक’ पर कार्रवाई करते हुए संस्थान से जुड़े कई लोगों के घरों में छापेमारी की, इस छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक के प्रमोटर और उनके सीए को गिरफ्तार कर लिया गया, इसके अलावा संस्थान के कई लोगों को पूछताछ के लिए भी बुलाया गया। दो गिरफ्तारियों और तमाम लोगों से पूछताछ के अलावा करीब पचास लोगों के लैपटॉप और फोन जब्त कर लिये। ऐसा मान भी लिया जाए कि न्यूजक्लिक ने ऐसा किया है तो फिर सरकार को भी तो चीन के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि चीन सीमा से लेकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता ही रहता है, रही बात केवल फंड प्राप्त करने की तो सरकार ने कोविड के दौरान बनाए गये पीएम केयर फंड में चीन की तमाम कंपनियों से फंड प्राप्त किया। पीएम केयर में फंड देने के बाद वे सभी कंपनिया भारत में व्यापार कर रही हैं। और उनमें से ज्यादातर कंपनिया लगातार अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी कर रही है? ऐसे में क्या सरकार को भी चीन समर्थक माना जाएगा? अगर हां तो फिर सरकार को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, और जांच एजेंसियों को पीएम केयरफंड के नाम पर पैसा पाने वाले लोगों की भी जांच करनी चाहिए? इस मुद्दे के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय जरूर रिकॉर्ड करें .